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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगर

न्याय मिलना तो दूर अब जान बचाने को लाले पड़ रहे दुष्कर्म पीड़िता को

हमला हुआ पीड़िता पर, मुकदमा भी उसी के खिलाफ दर्ज करा दिया

नोएडा। रोजगार देने बहाने दुष्कर्म की शिकार हुई एक युवती को न्याय मिलना तो दूर अब उसको जान बचाने के लाले पड़ रहे हैं। हालांकि दुष्कर्म का आरोपी इस समय दिल्ली के तिहाड़ जेल में दुष्कर्म के आरोप में बंद है लेकिन पीड़िता को विभिन्न माध्यमों से दुष्कर्म के मामले को वापस लेने के लिए डराने, धमकाने और यहां तक कि उस पर जानलेवा हमला कराने का सिलसिला जारी है। युवती धमकियों से इतना अधिक डर गई है कि वह इस भय में जी रही है कि 17 मई को दुष्कर्म मामले में आरोपी की जमानत में सुनवाई के बाद उसका क्या होगा। इसी दहशत में वह जीने को मजबूर है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह अपने मुकदमें की पैरवी कैसे करेगी। क्योंकि बाहर निकलने पर उसे जान जाने का भय सता रहा है।

दरअसल आरोपी विकास मित्तल की पत्नी प्रेरणा मित्तल ने पीड़िता को खुला चैलेंज दे रखा है कि वह अपने पति की जमानत जरूर करा लेगी। इसका बाद वह अपना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। इसके पहले भी प्रेरणा मित्तल ने पीडिता को दुष्कर्म का मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दे चुकी है। यही नहीं बकायदा उस पर हमला कराया जा चुका है।

दरअसल विकास मित्तल खुद की अपनी गुरुग्राम में इवेंट की कंपनी बताकर लड़कियों को नौकरी देने का झांसा देता है। उसके इस झांसे में कम से कम चार लड़कियां फंस चुकी हैं। वे मित्तल के दुष्कर्म का शिकार हो चुकी हैं लेकिन किसी भी लड़की में उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की हिम्मत नहीं है। क्योंकि मित्तल खुद का अच्छा खासा संबंध बड़े अधिकारियों और नेताओं से बताता है। मित्तल ने इसे साबित किया है कि उसके कुछ आईपीएस अधिकारियों से बेहतर संबंध हैं और वे उसके लिए कुछ भी कर सकते हैं। यही कारण है कि उस आईपीएस का गाजियाबाद जिले की पुलिस को फोन जाने के बाद वह मित्तल के खिलाफ कुछ भी नहीं करती। मामला चाहे जितना भी बड़ा है।

मित्तल के दुष्कर्म शिकार मुजफ्फर नगर जिले के एक गांव की निवासी युवती भी हो गई। उसे मित्तल ने अपनी इंवेंट कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर रखा। उसे मार्केटिंग के नाम पर विभिन्न स्थानों पर ले भी जाता था। वर्ष 2017 में वह पीड़िता को अपनी कार से ले जा रहा था। कार में नशे की वस्तु मिला कोल्ड ड्रिंक पिला दिया। लड़की जब बेहोश हो गई तो उसने इसका फायदा उठाया और उससे दुष्कर्म किया। युवती ने उसके खिलाफ दिल्ली के द्वारका पुलिस थाने में तीन साल बाद वर्ष 2020 में दुष्कर्म का मुकदमा तब दर्ज हुआ जब पीड़िता दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से मिली। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ। इसके पहले पुलिस पीड़िता को डांटकर कई बार भगा चुकी थी। वर्ष 2017 में ही मित्तल युवती को मार्केटिंग के काम के बहाने लखनऊ ले गया था। वहां भी होटल में युवती को नशा की गोली मिला कोल्ड ड्रिंक पिला दिया और बेहोशी की हालत में उससे दुष्कर्म किया।

एक सबसे मजेदार बात यह है कि अधिकारियों से अपने संबंध का नाजायज फायदा उठाकर उसने पीड़िता के खिलाफ ही जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज करा दिया। बताया जाता है कि इसके लिए इसके आईपीएस अधिकारी का फोन आया था। जबकि राजनगर एक्सटेंशन में पीड़िता पर चाकू से हमलाकर उसे जान से मारने कोशिश हुई थी।

मित्तल आपराधिक प्रवृत्ति का है। उसके खिलाफ गाजियाबाद जिले सिंहानी गेट में फर्जी काल करने का मुकदमा दर्ज है। मित्तल ने खुद डीजीपी बनकर आईजी को फोन किया था। हरियाणा के सोनीपत में खुद हाई कोर्ट का जज बताकर सेशन जज को फोन किया था। जींद में इसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसी तरह के इसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में विभिन्न थाना क्षेत्रों में सात मुकदमें दर्ज हो चुका है।

मित्तल के खिलाफ बड़े बिल्डरों और धनाढ्य लोगों को ब्लैकमेल कर उगाही के भी आरोप हैं। इसी आरोप में उसकी दिल्ली के सुभाष पैलेस में महिलाओं और दर्जनों लोगों की भीड़ ने बुरी तरह से पिटाई कर दी थी। आरोप यह था कि उसने किसी से ब्लैकमेलिंग के जरिये पांच करोड़ रुपये की उगाही कर ली थी। बाद में उसे लालच आ गया और 25 करोड़ रुपये की मांग करने लगा। इस पर वह भीड़ के चक्कर में फंस गया और उसकी बुरी तरह से पिटाई हो गई थी।

मित्तल के खिलाफ मुकदमों की यह मात्र बानगी भर है। उसके अपराधों की सिलसिला लंबा है। कई लोगों ने तो लोक-लाज और सामाजिक प्रतिष्ठा जाने के डर के उसके खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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