किसान महापंचायत : प्राधिकरण से नहीं मिला ठोस आश्वासन, भूमि अधिग्रहण और मुआवजा पर जोर
ग्रेटर नोएडा (ज्योति यादव) : दिल्ली-एनसीआऱ की ठंड में जिले के लगभग 30,000 किसान पिछले 24 घंटे से धरना दे रहे हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर आज दूसरे भी डटे रहे। इस महापंचायत में 30,000 से अधिक किसानों हज़ारों ट्रैक्टर ट्रालियों और अन्य वाहनों के साथ विशाल प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसे ऐतिहासिक निर्णायक आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रदर्शन में देश के भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, हन्नान मौला और दशरथ कुमार ग्रेनो प्राधिकरण पर किसान महापंचायत में जुटे हैं ।
नहीं मिला किसानों को ठोस आश्वसान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ और डीसीपी मंच पर वार्ता के लिए पहुंचे, लेकिन ठोस आश्वासन न मिलने के कारण किसानों ने 3 दिन तक प्राधिकरण और 4 दिन यमुना प्राधिकरण पर महापड़ाव जारी रखने का निर्णय लिया। इस बीच, किसानों ने 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
10% प्लॉट और भूमि अधिग्रहण कानून में सुधार
किसानों ने 10% प्लॉट तथा भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ दिए जाने की मांग कररहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दर्जनों संगठनों ने इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन मंच, भाकियू भानु और भाकियू चढूनी भी इस आंदोलन में शामिल हुए और समर्थन जताया।
समाजवादी पार्टी का समर्थन
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने भी अपनी टीम के साथ मंच पर आकर सभा के अध्यक्ष को समर्थन पत्र सौंपा, जो आंदोलन के प्रभाव को और मजबूत करता है।
मुआवजा और पुनर्वास की मांग
आंदोलन के मीडिया प्रभारी, किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने फेडरल भारत से बातचीत में बताया कि किसानों की प्रमुख मांगे हैं: पुराने कानून के तहत भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट, 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा और 1 जनवरी 2014 के बाद प्रभावित किसानों को बाजार दर पर 4 गुना मुआवजा। इसके अलावा, सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ देने की मांग की गई।
राष्ट्रीय स्तर पर संगठनों का समर्थन
इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन टिकैत, भाकियू महात्मा टिकैत, राष्ट्रीय किसान समन्वय, जय जवान जय किसान मोर्चा, भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ और अन्य किसान संगठनों ने मिलकर भाग लिया। इस राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन में भाकियू मंच, भाकियू भानु और भाकियू चढूनी ने भी मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।