किसान आंदोलन : दलित प्रेरणा स्थल पर धरना-प्रदर्शन जारी, हाईपावर कमेटी खारिज कर चुकी है प्रमुख मांगें
नोएडा (FBNews) : नोएडा प्राधिकरण और पुलिस-प्रशासन के साथ लंबी बातचीत के बाद किसानों ने सात दिन तक दिल्ली कूच का इरादा फिलहाल छोड़ दिया है, लेकिन नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी रहा। धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच मंगलवार को धरनास्थल पर किसानों ने सद्बुद्ध यज्ञ का भी आयोजन किया। धरनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
प्राधिकरण पर लगाया सुविधाएं न देने का आरोप
दलित प्रेरणास्थल पर किसानों का धरना प्रदर्शन किसान नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में चल रहा है। उन्होंने कहा कि धरनास्थल पर बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति के बावजूद शौचादि के लिए प्राधिकरण की ओर से कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। किसान हर परिस्थिति को सामना करने के लिए तैयार है और इस बारे अपने हकों को पूरा कराकर ही हटेगा। उन्होंने दोहराया कि प्राधिकरण की विकसित भूमि से 10 परसेंट प्लॉट और नए भूमि अधिकरण की मांग से किसान किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेगा। किसानों ने मांगों को पूरा किए जाने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया।
किसानों की मांग हाईपावर कमेटी नकार चुकी है
दरअसल, यह भी जानना भी जरूरी है कि जिन मांगों को लेकर किसान जिद पर अड़े हैं, इसकी जमीन पर स्तर पर क्या हाल है। किसान जिस दस प्रतिशत भूखंड व मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, उसे शासन स्तर बनी हाईपावर कमेटी पहले ही नकार चुकी है। यह हाईपावर कमेटी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों की मांगों पर निर्णय को लेकर ही बनाई थी।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष थे हाईपावर कमेटी के सर्वेसर्वा
शासन ने मार्च में राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे की अध्यक्षता में एक हाईपावर कमेटी गठित की थी। इसमें मेरठ के मंडलायुक्त व गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी को सदस्य के रूप में रखा गया। कमेटी ने नोएडा व ग्रेनो आकर किसान संगठनों व प्राधिकरण अधिकारियों से बातचीत की। प्राधिकरण से मांगों को लेकर डाटा लिया। कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट देनी थी, दो महीने की देरी से 31 अगस्त 2024 को शासन को रिपोर्ट सौंपी। लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। ऐसे में किसानों ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए अक्तूबर में फिर से प्रदर्शन किया। इसके बाद अक्तूबर महीने के तीसरे सप्ताह में रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया।
क्या हैं किसानों की मांगें
पांच और दस प्रतिशत भूखंड देने, आबादी का पूरी तरह निस्तारण करने, उचित मुआवजा देने समेत कई मांगों को लेकर नोएडा-ग्रेनो के किसान 10-12 साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले छह-सात साल से तो लगातार धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में भारतीय किसान परिषद की तरफ से नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के सामने धरना शुरू किया गया था, जो फरवरी तक चला। प्राधिकरण स्तर पर मांगें पूरी नहीं होने पर किसान परिषद के बैनर तले किसानों ने 23 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच का ऐलान किया था। इस बार की तरह पिछली बार भी किसानों को दलित प्रेरणा स्थल के सामने रोक दिया गया था, लेकिन उस दिन पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने आश्वासन दिया कि किसानों की मांगों को लेकर शासन स्तर पर हाईपावर कमेटी गठित कराई जाएगी। प्रदर्शनकारी किसान भारतीय किसान परिषद (BKP) और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) सहित अन्य संबद्ध समूहों से जुड़े हैं।