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फतेहपुर की 180 वर्ष पुरानी नूरी मस्जिद को बुलडोजर से ध्वस्त किया, बदायूं की जामा मस्जिद पर सुनवाई टली

 लखनऊ (फेडरल भारत/एजेंसी) : फतेहपर जिले में ललौली कस्बे की नूरी जामा मस्जिद पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इस पूरी कारवाई के दौरान ड्रोन की मदद से वीडियो और फोटो भी शूट कराए गए। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। प्रशासन द्वारा कस्बे के लोगों को घरों में कैद किया गया है। साथ ही, मस्जिद से 200 मीटर की सभी दुकानों को बंद कराया गया है। उधर, बदायूं की जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी है। जिला बार के अधिवक्ता के निधन के चलते वकील न्यायिक कार्य से विरत रहे। अब इस मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
छावनी में तब्दील हुआ पूरा इलाका
फतेहपर जिले में ललौली कस्बे को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया। मस्जिद का 300 मीटर का इलाका पूरी तरह से सील कर दिया गया है। गली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात कर दी गई थी। लोकनिर्माण विभाग ने नोटिस जारी कर सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रही ललौली की नूरी जामा मस्जिद का बड़ा हिस्से तोड़ने की चेतावनी दी थी।
180 वर्ष पुरानी है नूरी मस्जिद
लगभग 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद ललौली की नूरी जामा मस्जिद का एक बड़ा हिस्सा प्रशासन ने जेसीबी से कार्रवाई कर तोड़ दिया है। बताया जाता है कि इस मामले में 13 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है, लेकिन सुनवाई से पहले ही सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद का अग्रिम हिस्सा बुलडोजर से गिरा दिया गया।
बदायूं में जामा मस्जिद मामले की सुनवाई टली
बदायूं की जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी है। जिला बार के अधिवक्ता के निधन के चलते अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहे। अब इस मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी की तरफ से 30 नवंबर से बहस शुरू की गई थी। अभाहिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने वर्ष 2022 में कोर्ट में वाद दायर किया था। उन्होंने दावा किया था कि नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद को बनाया गया था। इसके बाद कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है। पुरात्व विभाग की रिपोर्ट भी आ चुकी है। 30 नवंबर से इंतजामिया कमेटी की तरफ से बहस शुरू की गई थी। तीन दिसंबर को सुनवाई हुई थी। उसके बाद अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 दिसंबर की तारीख तय की थी, लेकिन अधिवक्ता के निधन के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

 

 

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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