50 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही माही, पिता के पास नहीं पैसे, हॉस्पिटल बनाता जा रहा बिल!
नोएडा के यथार्थ अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड लेने से किया इंकार ! पीड़ित ने सरकार से लगाई गुहार
नोएडा : यथार्थ अस्पताल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमे कई बड़े सवाल खड़े कर दिए है | हॉस्पिटल में एक छात्रा पिछले 50 दिनों से एडमिट है। जो लगातार जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। एडमिट करने के बाद बच्ची के पिता 20 लाख रुपये अभी तक अस्पताल को दे चुके हैं,पर अभी भी बच्ची की हालत गंभीर है।
गरीब मां-बाप दर-दर ठोकर खाकर लोगों से मांग रहे मदद
बच्ची के पिता का दावा है कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है जिससे उनके इलाज का 5 लाख रुपये का खर्च सरकार द्वारा उठाया जाना चाहिए साथ ही पिता का आरोप है कि यथार्थ अस्पताल ने आयुष्मान कार्ड लेने से साफ इंकार कर दिया है। इसके बाद परेशान माही के पिता नेताओं के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, और उन्हें कही से कोई भी मदद की आस नहीं दिखाई दे रही।
नेताओं से मदद नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लगाई उम्मीद
माही के पिता सिकंदराबाद विधायक लक्ष्मी राज सिंह और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा से भी मिले हैं, औऱ बच्ची के इलाज की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली। दोनों नेताओं ने अस्पताल को पत्र भी भेजे हैंलेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ। अब मां-बाप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग कर रहे हैं कि उनकी बेटी का इलाज सरकार की तरफ से कराया जाए या सरकार उसके इलाज में कोई छूट करा दें। वरना उनकी बेटी का बचना मुश्किल है। अब उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हैं ऐसे में वह यथार्थ अस्पताल का बिल कैसे भरेंगे।
कैसे हुआ था हादसा
पूरा मामला बुलंदशहर के चंदेरू गांव का है। चंदेरू की रहने वाली 18 साल की माही का 6 जून को स्कूल जाते समय एक्सीडेंट हो गया। वह इस हादसे में बुरी तरह घायल हो गई थी। उसको बुलंदशहर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उसको ग्रेटर नोएडा के लिए रेफर कर दिया। पिता ने 6 जून को माही को ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल में भर्ती करा दिया। उनके पास आयुष्मान कार्ड था तो उन्हें लगा कि इनका पांच लाख तक का इलाज सरकार कराएगी। माही को गंभीर चोट आई थी तो उसकी सर्जरी करनी पड़ी अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड को चलाने से मना कर दी।
नोट : हम लगातार यथार्थ अस्पताल से इस खबर पर उनका पक्ष जानने की कोशिश कर रहे हैं खबर लिखे जाने तक इस मामले में अस्पताल ने कोई अपना स्टेटमेंट नहीं दिया है।