पारस टिएरा में चुनाव में धांधली की आशंका, चुनाव अधिकारी व डीएसओ पर 5.25 लाख रुपये मांगने का गंभीर आरोप
नोएडा (फेडरल भारत न्यूज) : सेक्टर 137 में बनी पारस टिएरा सोसाइटी में एओए (एसोसिएशन ऑफ फ्लैट ऑनर्स) के चुनाव में भारी धांधली की शिकायतें मिली हैं। इस मामले में एओए के चुनाव अधिकारी एवं जिला आपूर्ति अधिकारी पर 5.25 लाख रुपये की मांगने के बेहद गंभीर आरोप लग रहे हैं। यह भी आरोप है कि चुनाव अधिकारी द्वारा नामित इलेक्शन कमेटी में ऐसे लोगों को शामिल कर दिया गया, जिन पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं।
चुनाव अधिकारी पर रुपये मांगने का आरोप
जानकारी के अनुसार, पारस टिएरा सोसाइटी का एओए को लेकर विवाद उठते रहे हैं। अब यहां चुनाव हो रह हैं। इसके लिए सोसाइटी ऑफ रजिस्ट्रेशन के डिप्टी रजिस्ट्रार ने चुनाव के लिए जिला आपूर्ति अधिकारी ओम हरि उपाध्याय को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया। उन्होंने चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया। अब आरोप लग रहे हैं कि चुनाव अधिकारी ने एओए के मौजूदा बोर्ड से 5.25 लाख कैश मांगा। जब मौजूदा बोर्ड ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए इतनी बड़ी रकम देने से असमर्थता जताई।
इलेक्शन कमेटी का गठन
आरोप है कि इस पर चुनाव अधिकारी ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गैर-कानूनी तरीके से एक इलेक्शन कमेटी का गठन कर दिया है। इसमें श्रीमती अंकिता चावला पुरथी, गणेश दत्त तिवारी, डॉ विवेक सिंह तोमर, विश्वेंद्र कुमार कपिला, सुश्री गौरी गुप्ता, परविंदर गिल, राजीव सरण अग्रवाल, संदीप दत्त, डा. राधिका बिंदू और वरुण लूना शामिल हैं। बताया जाता है कि इनमें चार लोग वह हैं, जो पिछले वर्षों में या तो एओए बोर्ड में रहे हैं अथवा चुनाव लड़ा। इनमें कई पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं।
समिति सदस्यों पर गंभीर आरोप
आरोप है कि चुनाव कमेटी में शामिल डॉ विवेक सिंह तोमर वर्ष 2016-17 और 2017-18 में बिना चुनाव दो वर्ष तक अध्यक्ष पद पर रहे हैं। उनके कार्यकाल में ना तो एक भी एजीएम बैठक की गई और न ही लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। उन पर धन के गबन करने का आरोप वर्ष 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज है। इसी तरह अंकिता चावला पुरथी, गौरी गुप्ता और राजीव सरण अग्रवाल पर अनियमितताएं बरतने के आरोप लगते रहे हैं।
बिल्डर की मंशा पर भी सवाल
सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि बिल्डर की मंशा है कि सोसाइटी में कोई विधिसम्मत बोर्ड नहीं आए और वह इस सोसाइटी का और यहां के लोगों का आईएफएमएस और सिंकिंग फंड हैंडओवर करें। मौजूदा बोर्ड से सवाल किया गया तो उन्होने बताया कि उन्होंने सरकारी अधिकारियों के सामने कई बार गुहार लगाई है कि कानूनी तरीके डीओडी और शेयर सर्टिफिकेट के आधार पर वोटरलिस्ट बनाकर चुनाव कराया जाए। और किसी भी निवासी का वोट डालने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नही रहे। लेकिन बिल्डर के डर से कई अधिकारी सुन नहीं रहा है। आरोप है कि संबंध में एओए के चुनाव अधिकारी एवं जिला आपूर्ति अधिकारी उपाध्याय से संबंध करने का प्रयास किया, लेकिन वह फोन पर उपलब्ध नहीं हो सके।