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फेडरल भारत डेस्क :महाशिवरात्रि पर कब किस मुहूर्त में करें शिव जी की आराधना, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा समय

महाशिवरात्रि: प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का पावन त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की आराधना करते हैं । इस महाशिवरात्रि के पावन दिन भोलेनाथ के साथ माता पार्वती जी की भी आराधना की जाती है।

महाशिवरात्रि: प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को शिव की आराधना की जाती है महा शिव रात्रि का पावन त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन भोले नाथ भक्त भोले की भक्ति में समा जाते हैं। इस दिन शिवजी के साथ माता पार्वती जी की भी आराधना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन भोले नाथ को सच्चे मन से, पूजा करने से उनके आशीर्वाद प्राप्ति होती है। शास्त्रों की मने तो, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इस दिन भक्त भोले नाथ की बारात की भक्ति में लीन रहते हैं। इसी कारण हिंदू धर्म में रात्रि विवाह के मुहूर्त को अनोखा माना गया है। अब जान लेते हैं महा शिवरात्रि की पूजा का सही समय और शुभ मुहूर्त।

महा शिवरात्रि की पूजा का समय और शुभ मुहूर्त

इस साल शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक होगा . पूजा की अवधि करीब 48 मिनट तक ही रहेगी . वहीं पारण मुहूर्त 12 मार्च को सुबह 6 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक होगा।

पूजा विधि- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद साफ सुथरे लोटे में पानी या दूध भरकर उसके ऊपर बेलपत्र रख दें . धतूरे का फूल या सफ़ेद फूल,चावल आदि डालें और फिर इन्हें शिवलिंग पर चढ़ा दें. यदि आप शिव मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही साफ सुथरी जगह पर मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन शुरू करदें.शिव पुराण और शिव जी की आरती का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।

शिव रात्रि पर रात्रि जागरण की आस्था.

महाशिवरात्रि के दिन रात्रि में जागरण की आस्था है. इसके बाद शास्त्रों की विधि के अनुसार महाशिवरात्रि में पूजन निशीथ काल में करना सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ माना गया है. परन्तु भक्त रात्रि के चारों पहरों में से अपनी सुविधा के अनुरूप ही इस दिन की पूजा को संपन्न कर सकते हैं.

सर्वेश कुमार

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