पत्रकार पर एफआइआर मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अभिषेक को दी बड़ी राहत, उप्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली(फेडरल भारत नेटवर्क) प्रमुख न्यूज चैनल के पत्रकार अभिषेक उपाध्याय को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उन्हें संरक्षण प्रदान किया है। उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लेकर सामान्य प्रशासन में जातिगत पक्षपात से संबंधित एक स्टोरी पर अभिषेक और पत्रकार ममता त्रिपाठी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआइआर दर्ज करा दी गई थी। फेडरल भारत ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
पुलिस एफआइआर को दी गई थी चुनौती
एफआइआर को लेकर अभिषेक उपाध्याय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में रिट डाली गई, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ को ईश्वर बताकर यूपी पुलिस में दायर की गई एफआइआर को चुनौती दी गई। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोज्ञट की दो सदस्यों जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की पीठ ने पत्रकारीय धर्म को निभाने के क्रम में हुई ऐसी किसी भी एफ़आइआर में यूपी पुलिस को Coercive action लेने से रोक दिया है और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। अभिषेक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप कुमार अवस्थी ने दलीले पेश कीं।
अभिषेक ने जताया आभार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने अपने एक्स अकाउंट पर इसे शेयर करते हुए लिखा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को ईश्वर बताकर मेरे ख़िलाफ़ की गई एफ़आईआर पर मुझे प्रोटेक्शन देते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी कर दी है।‘ उन्होंने सभी का आभार व्यक्त करते हुए लिखा है कि- ‘मैं उन सभी के सहयोग और सद्भाव का हृदय से आभारी हूँ जो इन विषम परिस्थितियों में भी साथ डटे रहे।‘
क्या था मामला
अभिषेक उपाध्याय एक न्यूज चैनल के सीनियर जर्नलिस्ट हैं, जबकि ममता त्रिपाठी दैनिक भास्कर की पत्रकार हैं। उल्लेखनीय है कि अभिषेक त्रिपाठी ने अपने एक्स अकांउट पर एक जाति विशेष के अफसरों के साथ योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय सिंह और मुख्य सूचना अधिकारी का उल्लेख करते हुए विस्तारित पोस्ट लिखा है। जिसमें मुख्यमंत्री पर विशेष जाति के अधिकारियों की नियुक्ति के मामले में सवाल उठाए हैं। इसी को लेकर लखनऊ के हजरत गंज थाने में दोनों पत्रकारों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई। दोनों पर देशद्रोह जैसे संगीन आरोप भी लगाएं हैं।