उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टलखनऊ

लखनऊ के समिट बिल्डिंग में पहला एमएसएमई मार्ट बनकर तैयार

आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश भर में 75 दुकानें खोले जाने का लक्ष्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की सभ्यता और कारीगरी को पूरे देश और विदेशों तक प्रसारित करने का निर्णय लिया है। इसी के तहत लखनऊ की समिट बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की पहली दुकान ‘एमएसएमई मार्ट’ बनकर तैयार हो गया है। इसका विधिवत शुभारंभ 15 अगस्त को होगा। देश भर में इस तरह की 75 दुकानें खोलने का लक्ष्य रखा गया है।

विदेशों में भी दुकान खोलने का लक्ष्य

इसी साथ ही विदेशों में भी दुकान खोलने का प्रस्ताव है। इस मार्ट की खास बात ये है कि यह कारीगरों की दुकान होगी। इसमें प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के प्रशिक्षित कारीगरों के बनाए खास उत्पाद उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें मुरादाबाद के पीतल से लेकर चित्रकूट के लकड़ी के खिलौने जैसे उत्पाद शामिल होंगे।

कारीगरों की दुकान

यूपीकॉन के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि लखनऊ के शहीद पथ के पास स्थित समिट बिल्डिंग के सातवें फ्लोर पर यह मार्ट बनकर तैयार हो चुका है और उत्पाद भी बेचे जाने लगे हैं। हालांकि, विधिवत उद्घाटन 15 अगस्त को किया जाएगा। प्रदेश की विभिन्न योजनाओं जैसे ओडीओपी, वीएसएसवाई के जरिए प्रशिक्षण लेने वाले लोगों के बनाए उत्पाद यहां बिकेंगे। इस मार्ट को ‘कारीगरों की दुकान’ कहा जा सकता है, क्योंकि कारीगर को उत्पाद बनाना तो आता है, लेकिन बेचना नहीं, लेकिन वह यहां अपने उत्पाद बेच भी सकता है। उसके बनाए उत्पादों में प्रदेश की सभ्यता की झलक दिखेगी। इसीलिए इसको ‘कल्चर आफ उत्तर प्रदेश’ भी कहा गया है।‘

फ्रेंचाइजी मॉडल भी तैयार

यूपीकॉन के अधिकारी के अनुसार लखनऊ में मार्ट की शुरुआत के बाद ऐसे ही मार्ट नोएडा, प्रयागराज, वाराणसी और आगरा में भी खोले जाएंगे। इसके बाद, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में भी इसकी शुरुआत होगी। विदेशों में भी इसे ले जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई मार्ट का फ्रेंचाइजी मॉडल भी बन रहा है। यदि कोई फ्रेंचाइजी लेना चाहे, उद्यमी बनना चाहे तो वो फ्रेंचाइजी लेकर शुरुआत कर सकता है। फ्रेंचाइजी लेने के लिए व्यक्ति के पास समुचित जगह होना जरूरी है, जहां लोग खरीदारी के लिए आ सकें। साथ ही उद्यमिता की कोई ट्रेनिंग ली हो तो उसे प्राथमिकता मिलेगी। सीएम स्वरोजगार योजना से लाभान्वित हो तो वो भी फ्रेंचाइजी ले सकते हैं।

खरीदार को पता होगा कारीगर का नाम

यूपीकॉन के अधिकारी बताते हैं कि मार्ट से जो कारीगर जुड़े हैं, यहां सिर्फ उन्हीं के बनाए उत्पाद रखे गए हैं। साथ ही, उन्होंने इस उत्पाद को कैसे बनाया, इसके भी वीडियो बनाए गए हैं। इसमें उनका नाम और नंबर भी है लिखा गया है। पहली बार होगा जब एक खरीदार को पता होगा कि जो उत्पाद उसने खरीदा है, वह किसने बनाया है। उन्होंने कहा कि यह एक डिस्प्ले सेंटर है, ताकि लोग आनलाइन और आफलाइन दोनों तरह से खरीदारी कर सकें।

उपहार देने का भी मौका

त्योहारों के मौसम में यह मार्ट लोगों को उपहार देने का मंच भी मुहैया कराएगा। उन्होंने बताया कि त्योहारों के मौसम को देखते हुए उत्पादों पर विभिन्न छूट की भी घोषणा की गई है। लोग यहां से खरीदारी करके अपने प्रियजनों को प्रदेश की नायाब कारीगरी वाले उत्पाद उपहार में दे सकेंगे।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close