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फालोअपः श्रीकांत की पत्नी का मोबाइल बना गिरफ्तार कराने में सहायक

पुलिस ने पत्नी अन्नू से की थी पूछताछ, मोबाइल जांच की थी, जांच में मिला था लोकेशन

नोएडा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित नेता श्रीकांत त्यागी उर्फ लंगड़ा त्यागी की गिरफ्तारी में उसकी पत्नी अन्नू त्यागी का मोबाइल पुलिस के लिए काफी सहायक साबित हुआ। पुलिस ने पिछले दिनों अन्नू त्यागी से पूछताछ की थी। इसके अलावा पुलिस ने अन्नू के मोबाइल की जांच की थी। बताया जाता है कि पुलिस को मोबाइल फोन की जांच से श्रीकांत त्यागी के लोकेशन की जानकारी मिली थी।

अपनी पत्नी के संपर्क में था श्रीकांत त्यागी

श्रीकांत त्यागी अपनी पत्नी अन्नू त्यागी के लगातार संपर्क में था। यह अलग बात है कि वह अपनी पत्नी को अलग-अलग फोन नंबरों से बात करता था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अन्नू के मोबाइल फोन की जांच में उन नंबरों की जांच की गई तो उनका लोकेशन मेरठ का मिला था। इससे पुलिस को विश्वास हो गया कि श्रीकांत मेरठ में था। पुलिस तब मेरठ के लिए रवाना हो गई और वहां से उसे गिरफ्तार करने में सफल हो गई।

सीएम के रिपोर्ट तलब करते ही गंभीर हुआ गृह विभाग

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकांत त्यागी उर्फ लंगड़ा त्यागी के मामले में सोमवार को गृहविभाग से रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यमंत्री के रिपोर्ट मांगते ही गृहविभाग ने नोएडा पुलिस कमिश्नरेट पर दबाव बढ़ा दिया। उसकी य़ह तय हो गया था अब श्रीकांत की गिरफ्तारी वह कुछ वक्त की बात रह गई है। पुलिस गंभीर हो गई और इसका परिणाम यह हुआ कि श्रीकांत गिरफ्तार हो गया। उसकी गिरफ्तारी उस समय भी तय हो गई थी जब गौतमबुद्ध नगर जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की कोर्ट में उसकी जमानत के लिए डाली गई याचिका पर सुनवाई के लिए 10 अगस्त की तारीख निर्धारित कर दी गई।

क्या है मामला

भाजपा के कथित नेता श्रीकांत त्यागी उर्फ लंगड़ा त्यागी ने चार दिन पहले नोएडा के फेस-2 थाना क्षेत्र के सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी की निवासी महिला से बदतमीजी और हाथापाई और छेड़छाड़ मामले का विडियो तेजी से वायरल हुआ। विडियो वायरल होने के दूसरे दिन इस मामले को जब मीडिया ने उछाला तब पुलिस, भाजपा सक्रिय हुई। पुलिस ने इस मामल में श्रीकांत के खिलाफ विभिन्न आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिया। श्रीकांत गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गया। पुलिस ने उसके चार समर्थकों को हिरासत में लेकर उसके ठीकानों के बारे में पूछताछ की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिर श्रीकांत दस समर्थकों ने रविवार की रात में सोसायटी में अनधिकृत रूप से घुसकर गार्ड को मारापीटा और सोसायटी के लोगों की गंभीर धमकी दी थी। इस पर सोसायटी के लोगों ने पुलिस थाने को सूचना दे दी। पुलिस 6 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया। वहां से वे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए। चार लोग फरार हो गए जिनकी  तलाश पुलिस कर रही है।

सोसायटी के लोगों ने ली राहत की सांस

श्रीकांत की गिरफ्तारी से सोसायटी के लोगों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि जब उन्होंने श्रीकांत के खिलाफ जब शिकायत की थी तभी कार्रवाई हो जाती तो मामला इतना लंबा नहीं खिंचता। अब पुलिस को चाहिए कि श्रीकांत के खिलाफ ठीक से पैरवी करे जिससे उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले और फिर किसी के साथ दबंगई, बदतमीजी, गाली-गलौज करने की उसकी हिम्मत नहीं पड़े।

मामले को जातिगत बनाने की कोशिश

श्रीकांत की गिरफ्तारी को कुछ लोग जातिगत बनाने  कोशिशों में जुट गए हैं। वे त्यागी समाज के लोगों से मेरठ में स्थान विशेष पर जुटने की अपील कर रहे हैं। वे मामले को ऐसा दिखाने की कोशिश में हैं कि त्यागी समाज के खिलाफ बड़ा अन्याय हो रहा है। श्रीकांत के समर्थकों द्वारा ऐसी कोशिश करते ही भाजपा भी सतर्क हो गई है। भाजपा के नेता इसकी काट में जुट गए हैं और लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं है। श्रीकांत ने अपराध किया। उस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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