आम के अच्छे उत्पादन के लिए बागवान कर लें समय से उपाय
जिला उद्यान अधिकारी आम उत्पादक किसानों को बताए कई उपाय
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले के आम उत्पादक बागवानी करने वाले किसानों को जिला उद्यान अधिकारी ने सलाह दी है कि वे आम को हानिकारक कीटों से बचाने के लिए समय से उपाय कर लें। जिला उद्यान अधिकारी शिवानी तोमर ने कहा कि आम की अच्छी उत्पादकता सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि आम की फसल को सम-सामयिक रूप से हानिकारक कीटों एवं रोगों से बचाने के लिए उचित समय पर प्रबन्धन किया जाए।
उन्होंने बताया कि फल मक्खी कीट का प्रकोप मई से जुलाई तक होता है, जिससे आम की फसल को काफी क्षति होती है। इसलिए प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने बागवानों को इस कीट के प्रकोप के नियंत्रण के लिए सलाह दी गई है कि मक्खी कीट आम के फलों को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुचाने वाला कीट है। इस कीट की सूड़ियाँ आम के फलों के अन्दर घुसकर गूदे को खाती हैं, जिससे फल खराब हो जाता है। इस कीट की रोकथाम के लिए मिथाइल यूजिनॉल 0.1 प्रतिशत (1.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) + मैलाथियॉन 0.2 प्रतिशत (2.0 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी) का घोल बनाकर 8-10 जगह प्रति हेक्टेयर के हिसाब से चौड़े मुँह की शीशी या डिब्बों में भरकर पेड़ों पर लटका देने से नर मक्खियाँ आकर्षिक होकर मैलाथियॉन कीटनाशी के प्रभाव से नष्ट हो जाती हैं। इस प्रकार आम के फलों को मक्खी कीट के प्रकोप से बचाने के लिए बागवान समय से यह उपाय कर अपनी फसल को सुरक्षित एवं स्वस्थ्य रख सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि किसान ये देख लें कि आम फल का रंग हल्का पीला या चाकू से काटने पर आम का गूदा हल्का पीला हो जाए, तो यह खाने लायक हो जाता है। आम को पकाने के लिए बाजार में इथरल सोल्यूशन उपलब्ध है। पहले आम को ठंडे पानी से धो लें, फिर 100 से 500 पीपीएफ0 (100 मिलीग्राम / लीटर पानी) इथरल अथवा इथेफॉन का सोल्यूशन तैयार करने के बाद आम को 15 मिनट के लिए डुबो दें फिर आम को छाया में सुखाकर कमरे के तापमान पर भण्डारित कर लें। इस प्रकार यह आम 1 से 3 दिन तक में पक कर तैयार हो जाता है। उन्होंने किसानों को यह भी सलाह दी है कि वे आम को ग्रेडेड कर बाजार में बिक्री के लिए ले जाएं। इससे उन्हें अच्छे दाम प्राप्त होंगे।
कीटनाशक के प्रयोग में बरती जाने वाली सावधानियाँ
- कीटनाशक के डिब्बों को बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर रखना चाहिए।
- कीटनाशक का छिड़काव करते समय हाथों में दस्ताने, मुँह को मास्क व आँखों को चश्मा पहनकर ढक लेना चाहिए, जिससे कीटनाशी त्वचा व आँखों में न जाए।
- कीटनाशक का छिड़काव शाम के समय जब हवा का वेग अधिक न हो तब करना चाहिए या हवा चलने की विपरीत दिशा में खड़े होकर करना चाहिए।
- कीटनाशक के खाली पाउच या डिब्बों को मिट्टी में दबा देना चाहिए।