वोट बैंक की राजनीति के खातिर नहीं बन पाया मजबूत संविधान: अश्विनी उपाध्याय
अश्विनी उपाध्याय ने कहा- संविधान में 125 बार संशोधन करने के बावजूद भी नही बना सके मजबूत संविधान, वोटों की राजनीति के कारण 5 बार पलटा गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला
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वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने बताया संविधान बनने के बाद से आज तक 125 बार संविधान बदला गया और वोटों के लिए हो रही राजनीति के कारण 5 बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा दिया गया जिसके कारण आज तक भारत का मूल संविधान 100 प्रतिशत लागू नहीं किया गया है. 20% संविधान आज भी लंबित पड़ा है कोर्ट रूम में जिसमें समान शिक्षा, समान चिकित्सा और समान नागरिक संहिता जैसी संविधान की आत्मा शामिल है.
भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने आगे कहा, घुसपैठ नियंत्रण, धर्मांतरण नियंत्रण और जनसंख्या नियंत्रण का प्रावधान हमारे संविधान में है, लेकिन तुष्टीकरण की राजनीति के कारण आज तक कानून नहीं बन सका. इन सब बातों के बीच भाजपा नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय (BJP Leader Ashwini Upadhyay) ने केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत संविधान तत्काल लागू करने की मांग की है जो बेहद काबिले तारीफ़ भी है.
जानिए क्या कहा भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने –
- समान शिक्षा
IAS, IPS, JEE, NEET, CLAT, NDA, TET, बैंक, रेलवे का पेपर एक होता है लेकिन CBSE, ICSE, UP Board, Bihar Board, Bengal Board का सिलेबस अलग-अलग होता है. प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल के बच्चे अलग-अलग किताब पढ़ते हैं, मदरसा और सरस्वती शिशु मंदिर के बच्चे अलग किताब पढ़ते हैं इसीलिए सभी बच्चों को समान अवसर नहीं मिल रहा है.
जब तक मंत्री, संतरी, हिंदू, मुस्लिम के बच्चों की किताब एक नहीं होगी तब तक सबको समान अवसर नहीं मिलेगा इसलिए सरकार को 12वीं तक “एक देश एक शिक्षा बोर्ड” और “एक देश एक सिलेबस” लागू करना चाहिए और प्रत्येक विधानसभा में एक केंद्रीय विद्यालय खोलना चाहिए. हमें Right to Education Act नहीं बल्कि Right to Equal Education Act चाहिए और यह 14 वर्ष नहीं बल्कि 18 वर्ष तक के सभी बच्चों पर एक समान रूप से लागू होना चाहिए.
- एक देश एक कानून
आजादी के 73 साल बाद भी हिंदू मुस्लिम पारसी ईसाई के लिए अलग-अलग कानून चल रहा है जबकि संविधान (Article 44) समान नागरिक संहिता लागू करने का निर्देश देता है। जब तक समान नागरिक संहिता लागू नहीं होगी तब तक देश की सभी बहन बेटियों को समान अधिकार नहीं मिलेगा। गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है और सब खुश हैं फिर पूरे देश में लागू करने में क्या समस्या है? मेरी जनहित याचिका 2019 से लंबित है लेकिन सरकार ने आज तक जबाब दाखिल नहीं किया.
- विरोधी घुसपैठ
5 करोड़ से अधिक घुसपैठिये भारत में रहते हैं जो बहुत तेजी से जनसंख्या विस्फोट कर रहे हैं. ये हमारे हिस्से का रोटी कपड़ा और मकान ले रहे हैं और चोरी लूट झपटमारी भी कर रहे हैं. इन्हें बाहर निकालने की मांग वाली मेरी जनहित याचिका 2017 से लंबित है लेकिन सरकार ने आजतक जबाब नहीं दिया.
हिंदू 9 राज्यों में अल्पसंख्यक हैं और पिछले 20 वर्ष में 5 करोड़ हिंदुओं का धर्मांतरण हो चुका है लेकिन धर्मांतरण विरोधी कानून का एक ड्राफ्ट भी नहीं बनाया गया. संविधान साम दाम दंड भेद द्वारा धर्मांतरण की इजाजत नहीं देता है. धर्मांतरण राष्ट्रीय समस्या है इसलिए कानून भी संसद में बनना चाहिए.
- जनसंख्या नियंत्रण कानून
125 करोड़ आधार बन चुका है और 20% लोगों के पास आधार नहीं है इसलिए जनसंख्या 130 करोड़ नहीं बल्कि 150 करोड़ है. जमीन 2%, पानी 4%, जनसंख्या दुनिया की 20% हो चुकी है. गरीबी बेरोजगारी कुपोषण प्रदूषण का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है इसलिए सरकार को तत्काल चीन जैसा कठोर कानून बनाना चाहिए
- सुधार
1860 में बनी IPC, 1861 में बना पुलिस ऐक्ट, 1872 में बना एविडेंस ऐक्ट और 1908 में बना CPC आज भी चल रहा है। घटिया कानूनों और अंग्रेजी व्यवस्था को बदलने के लिए लॉ कमीशन, वेंकटचलैया कमीशन और इलेक्शन कमीशन ने लगभग 500 सुझाव दिया है लेकिन उन सुझावों को आज तक लागू नहीं किया गया. 1947 से पहले बने सैकड़ों घटिया कानून आज भी लागू हैं इसीलिए तहसील से सुप्रीम कोर्ट तक 5 करोड़ मुकदमें लंबित हैं.
केंद्र-राज्यों का बजट 70 लाख करोड़ है और 20% (14 लाख करोड़) घूसखोरी कमीशनखोरी और दलाली में चला जाता है. भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए टैक्स रिफार्म, पुलिस रिफार्म, इलेक्शन रिफार्म, जुडिशियल रिफार्म और एडमिनिस्ट्रेटिव रिफार्म नितांत आवश्यक है लेकिन संसद में रिफार्म पर कभी चर्चा नहीं होती है. देश की 50% समस्याओं का मूल कारण है- भ्रष्टाचार लेकिन संसद में भ्रष्टाचार समाप्त करने पर चर्चा नहीं होती है.
जब तक 100 रुपए से बड़े नोटों को बंद नहीं किया जाएगा, 5 हजार से महंगे सामान का कैश लेनदेन बंद नहीं होगा, 50 हजार से महंगे सामान की विक्री खरीद पर आधार अनिवार्य नहीं होगा तब तक घूसखोरी टैक्सचोरी जमाखोरी जालसाजी धोखा फरेब नशा तस्करी हवालाबाजी कबूतरबाजी मुनाफाखोरी कालाबाजारी मानव तस्करी कमीशनखोरी मिलावटखोरी समाप्त नहीं होगी. अलगाववाद संप्रदायवाद कट्टरवाद नक्सलवाद माओवाद जातिवाद भाषावाद क्षेत्रवाद की फंडिंग हवाला के जरिये होती है. मानव तस्करी और नशा तस्करी का कारोबार ही नहीं बल्कि धर्मांतरण का धंधा भी कालाधन से चलता है इसलिए जब तक भ्रष्टाचार और जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित नहीं किया जाएगा तब तक नशा मुक्त भारत, शराब मुक्त भारत, पाखंड मुक्त भारत, घुसपैठ मुक्त भारत, क्षेत्रवाद मुक्त भारत, अपराध मुक्त भारत, कट्टरवाद मुक्त भारत, जातिवाद मुक्त भारत, भाषावाद मुक्त भारत, माओवाद मुक्त भारत, धर्मांतरण मुक्त भारत, कालाजादू मुक्त भारत, नक्सलवाद मुक्त भारत, आतंकवाद मुक्त भारत, संप्रदायवाद मुक्त भारत, अलगाववाद मुक्त भारत और अंधिविश्वास मुक्त भारत का निर्माण असंभव है.
80% समस्याओं का मूल कारण भ्रष्टाचार और जनसंख्या विस्फोट है इसलिए जब तक भ्रष्टाचार और जनसंख्या विस्फोट समाप्त नहीं किया जाएगा तब तक स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, साक्षर भारत, संपन्न भारत, समृद्ध भारत, सबल भारत, सशक्त भारत, सुरक्षित भारत, समावेशी भारत, स्वावलंबी भारत, स्वाभिमानी भारत, संवेदनशील भारत तथा एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना साकार नहीं हो सकता है