×
crimeउत्तर प्रदेशगाज़ियाबादगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टलखनऊ

फर्जीवाड़ाः स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम जारी विधानसभा पास श्रीकांत के पास था

गाड़ी पर लगा स्टीकर भी मौर्य के नाम आबंटित था, उपयोग श्रीकांत करता था

लखनऊ। भाजपा के कथित नेता श्रीकांत त्यागी उर्फ लंगड़ा त्यागी समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का काफी करीबी है। मौर्य से उसकी करीबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि श्रीकांत त्यागी को विधानसभा का पास स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम से आवंटित है। यह पास एकदम नया है। स्वामी हाल ही में सपा से एमएलसी बने हैं।

पहले भाजपा में थे स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भाजपा में थे। योगी मंत्रिमंडल-01 में वह वरिष्ठ मंत्री थे। वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही वह भाजपा को डूबती नैया समझकर ऐन चुनाव के वक्त योगी मंत्रिमंडल और भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। मौर्य के इस्तीफे से भाजपा को बहुत तगड़ा झटका लगा था। भाजपा ने इस झटके की भरपाई मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल कराकर की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बहुजन समाज पार्टी में थे। बाद में वे भाजपा में आए। उन्हीं के साथ ही श्रीकांत त्यागी भी भाजपा में शामिल हुआ था।

स्वामी प्रसाद मौर्य भले ही सपा में शामिल हो गए और इसी पार्टी से एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) बन गए और त्यागी भाजपा में बना रहा (भाजपा नेता त्यागी को भाजपा का मानते ही नहीं), बावजूद इसके स्वामी से श्रीकांत का रिश्ता पूर्ववत कायम रहा। यही कारण रहा कि उसका विधानसभा में प्रवेश के लिए पास स्वामी प्रसाद मौर्य के नाम पर बना पास श्रीकांत की गाड़ी पर लगा मिला। इसी पास की बदौलत गाड़ी समेत वह विधानसभा में बेखटके आता-जाता था। इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य से पूछताछ हो सकती है कि उनके नाम पर बना पास और गाड़ी का स्टीकर श्रीकांत के पास कैसे मिला।

श्रीकांत को गनर कैसा मिला जांच होगी

श्रीकांत त्यागी को गाजियाबाद से गनर नगर भी मिले थे। नोएडा पुलिस को आश्चर्य है कि इसके आपराधिक छवि को देखते हुए गाजियाबाद से कैसे गनर मिल गया। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Tags

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close