फोर्टिस ग्रेटर नोएडा के डॉक्टर की चेतावनी: बिना प्रेस्क्रिप्शन के काउंटर से मिलने वाली दवाओं और सप्लीमेंट्स से हो रही हैं साइलेंट लिवर इंजरी

ग्रेटर नोएडा : 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे के अवसर पर, फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा लिवर स्वास्थ्य को लेकर वैश्विक जागरूकता अभियान में भागीदारी करते हुए भारत में फैटी लिवर रोग के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की है। जीवनशैली से जुड़ी लिवर संबंधी बीमारियों में वृद्धि को देखते हुए, चिकित्सा विशेषज्ञों ने रोकथाम, प्रारंभिक पहचान और जनजागरूकता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
फोर्टिस हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा के कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी एंड हेपाटोलॉजी, डॉ. अपूर्व पांडे ने बताया, “फैटी लिवर रोग अब उन लोगों में भी सामान्य रूप से पाया जा रहा है, जिनका शराब सेवन का कोई इतिहास नहीं होता और जो अक्सर शारीरिक रूप से स्वस्थ नज़र आते हैं। अधिकतर मामलों का पता सामान्य हेल्थ चेक-अप के दौरान चलता है, जिससे यह एक ख़ामोश लेकिन तेजी से बढ़ती समस्या बन गई है।”
डॉ. पांडे ने यह भी बताया कि डायटरी सप्लीमेंट्स (खाद्य पूरक) और लंबे समय तक ओवर-द-काउंटर (बिना डॉक्टर की सलाह के ली जाने वाली) या स्वयं से ली गई दवाएं लिवर को नुक़सान पहुंचाने वाले प्रमुख कारण बन रही हैं। उन्होंने कहा, “हम दवा-जनित लिवर इंजरी (drug-induced liver injury) के मामलों में बढ़ोत्तरी देख रहे हैं, विशेष रूप से जब लोग बिना मेडिकल परामर्श के दवाएं लेते हैं।”
देशभर में तापमान तेज़ी से बढ़ने के बीच, डॉ. पांडे ने गर्मी के मौसम में लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और उचित जल सेवन की अहमियत पर ज़ोर दिया। उन्होंने सलाह दी, “जो लोग व्रत रख रहे हैं या बाहर काम कर रहे हैं, उन्हें दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। दही और इडली, ढोकला जैसे फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ पाचन और लिवर स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करते हैं। गर्मी के मौसम में पारंपरिक के पेय जैसे छाछ और सत्तू शरीर को ठंडा रखने और लीवर को स्वस्थ रखने के लिए उत्कृष्ट विकल्प हैं।”