×
crimeअयोध्याउत्तर प्रदेशएटागौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडादिल्लीनोएडानोएडा वेस्ट

धोखाधड़ीः सोशल मीडिया पर मार्केटिंग के जरिये बिजनेस बढ़ाने का झांसा देने का कर रहे थे काला धंधा

पुलिस ने तीन लोगों को दबोचा, रुपये लेने में करते थे वायरलेस वाकी-टाकी फोन का उपयोग, कई उपकरण हुए बरामद

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना फेस-1 की आम लोगों, व्यापारियों को को सोशल मीडिया पर मार्केटिंग कर उनके बिजनेस को बढ़ाने झांसा देने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य लोगों को ठगने के लिए वॉकी वायरलेस फोन का भी उपयोग करते थे।

क्या है मामला, कौन हैं ठग

थाना फेस-1 की पुलिस ने  लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना तंत्र के जरिये लोगों से बिजनेस बढ़ाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह के लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान लोकेश कुमार सिंह, आशुतोष कुमार और हिमांशु के रूप में हुई है। उन्हें पुलिस ने ई- 33 सेक्टर 3 नोएडा की एक कंपनी से गिरफ्तार किया।

कैसे लोगों को देते थे धोखा

पुलिस ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं। वे जस्ट डायल और अन्य माध्यमों से छोटे व्यापारियो के फोन नंबर निकाल लेते थे। उन नंबरों पर कॉलकर उनके बिजनेस को सोशल मीडिया यू- ट्यूब, फेसबुक आदि पर प्रमोट करने के लुभावने ऑफर देकर रुपये ऐँठ लेते थे। उन्होंने डीईडीओजेडजेड नामक कंपनी भी बनाई हुई थी। इस पर व्यापारी को विश्वास हो जाए, इसके लिए डाटा जेनिट वेबसाइट से एक फर्जी मैसेज भेज दिया जाता था और व्यापारी से रुपये लेने के बाद भी गिरोह के लोग कोई काम नहीं करते थे। पकड़े नहीं जाएं इसके लिए इन लोगों ने अपनी कम्पनी लक्ष्मी नगर के पते पर रजिस्टर्ड करा रखी है। कॉल करने के लिए सिम नंबर लेते हैं। फिर उनका उपयोग कर उन्हें कुछ समय बाद तोड़कर फेक देते थे और नए नंबर ले लेते थे। उन्होंने कंपनी का खाता यस बैंक खाता (संख्या  029263300003571), कोटक महिन्द्रा बैंक में खाता (संख्या 7545097274) एवं यूपीआई 9717758655ओके बी आई जेएएक्सआईएस में लोगो को धोखा देकर विभिन्न प्लान बताकर उनसे ऑनलाइन रुपये पैसा डलवाते थे, जो लोग इनसे बार-बार रुपये वापस मांगते थे उन्हें ये लोग ब्लाक कर देते थे। गिरोह के सदस्य कॉल करते समय क्लाइन्ट को अपनी रजिस्टर्ड कंपनी लक्ष्मी नगर का पता देते थे ताकि कभी पकड़े नहीं जाएं।

लड़के-लड़कियों को नौकरी पर रख बिना सैलरी दिए निकाल भी देते थे

गिरोह के सदस्य समय समय पर कॉल करने के लिए कुछ लड़के-लड़कियों को भी जॉब पर रख लेते थे। जब वे टार्गेट पूरा नहीं कर पाते थे तो ये उन्हे बिना सैलरी दिए निकाल देते थे। जब कोई ज्यादा पीछे पड़ता था तो ये अपना ऑफिस बदल देते थे।

ये लोग हुए ठगी के शिकार

गिरोह द्वारा दिलीप मिश्र निवासी अयोध्या,  वसीम निवासी दिल्ली, सोनू मेहन्दी आर्ट और फैसल हुसैन से ऑनलाइन मार्केटिंग के नाम पर क्रमशः लगभग 10 हजार रुपये, सात हजार रुपये, 11 हजार रुपये और 8650 रुपयों की ठगी कर चुके हैं। ये तो सिर्फ बानगी भर है। इन लोगों के नाम इसलिए सामने आ पाए क्योंकि ये सभी पुलिस के पास चले गए थे। ऐसे बहुत से सैकड़ों लोग गिरोह की ठगी का शिकार हो चुके हैं जो पुलिस के पास गए ही नहीं। उनके नाम सामने नहीं आ पाए हैं। वे अपने शिकार से न्यूनतम 1250 रुपये और अधिकतम 10 हजार रुपये वसूलते थे। यही नहीं एक तो ये लोगों का काम नहीं करते थे ऊपर से उनसे और रुपयों की मांग करते थे। पीड़ितों का घर दूरदराज होने से वे शिकायत नहीं कर पाते हैं। गिरोह ठगी का काला धंधा वर्ष 2018 से कर रहा है। अब तक हजारों लोगो से करोड़ों रुपये ठग चुके है।

कहां के रहने वाले हैं गिरोह के सदस्य

लोकेश कुमार सिंह 431 लक्ष्मी नगर मंगल बाजार गुरुरामदास नगर नई दिल्ली में रहता था लेकिन वह मूल निवासी ई 1410 डबुआ कॉलोनी फिरोज गांधी नगर हरियाणा का निवासी है। आशुतोष कुमार 72 प्रथम तल सेक्टर 12 नोएडा में रहता था। वह भी मूल निवासी ई 1410 डबुआ कॉलोनी फिरोज गांधी नगर हरियाणा का निवासी है। हिमांशु निवासी प्रथम तल सेक्टर 12 नोएडा में रहता था। वह मूल रूप से म0न0 68 ग्राम चनेवरा थाना निगोही जिला शाहजहांपुर का निवासी है।

क्या हुआ गिरोह के पास से बरामद

गिरोह के सदस्यों के पास से 12 वॉकी वायरलेस फोन, 20 सीपीयू, 21 मॉनिटर, 15 की- बोर्ड, 15 माउस, चार मोबाइल फोन, तीन पैन कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, तीन डेबिट कार्ड और 26 वर्क चेट डिटेल मिला है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close