आइपीएस बनकर पुलिसकर्मियों को धमकाने वाली फ्राड जोया खान गिरफ्तार, लंबी है कारनामों का फेहरिस्त
स्पूफिंग कॉल (आईडी बदलकर फोन करना) करके पुलिसकर्मियों को काम करने के लिए कहती थी
नोएडा (फेडरल भारत नेटवर्क) : फर्जी आईपीएस बनकर थानेदारों और अन्य पुलिसकर्मिंयों को फोन करके दबाव बनाने वाली मेरठ की रहने वाली जोया खान आखिर नोएडा पुलिस के हत्थे चढ़ गई। जोया स्पूफिंग कॉल (आईडी बदलकर फोन करना) करके पुलिसकर्मियों को काम करने के लिए कहती थी।
स्पूफ कॉल के लिए PORTSIP ऐप का करती थी इस्तेमाल
डीसीपी सेंट्रल जोन शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि अगस्त में हुई आत्महत्या के मामले में दर्ज मुकदमे की पैरवी के लिए भी जोय़ा खान थाना सेक्टर 142 पुलिस पर दबाव बना रही थी। इस बीच पुलिस को शक हुआ। सुराग हाथ लगते ही मामला खुल गया और पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह स्पूफ कॉल के लिए PORTSIP ऐप का इस्तेमाल करती थी। इसी तरह MAGICCALL ऐप से पुरुष आवाज में पुलिसकर्मियों से बात करके उन पर दबाव बनाती थी।
आत्महत्या के मामले में बना रही थी दबाव
डीसीपी सेंट्रल जोन के अनुसार, अगस्त में थाना सेक्टर-142 के सेक्टर-137 स्थित सुपरटेक ईकोसिटी सोसाइटी निवासी साहिल अग्रवाल (30) ने सातवीं मंजिल से कूदकर खुदकशी कर ली थी। इस मामले में साहिल की बहन ने पत्नी नेहा सहित उसके रिश्ते के भाई और अन्य के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज कराया था। जोया खान साहिल के परिवार से परिचित थी। इसी मामले में रिश्ते के भाई के इशारे पर जोया फर्जी आइपीएस बनकर नेहा के खिलाफ पुलिस अधिकारियों पर दबाव बना रही थी। 27 अगस्त को उसने थाना सेक्टर-142 के थाना प्रभारी और विवेचक को फोन किया और नेहा की गिरफ्तारी के लिए दबाव डाला। आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तीनों आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
कभी आइबी अफसर कभी रॉ अफसर बन जाती थी
पुलिस अधिकारियों पर कभी आईबी की कमिश्नर तो कभी किसी पुलिस अधिकारी बनकर या रॉ अफसर के रूप में फोन कर रही थी। ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि फोन करने वाला फर्जी हो सकता है। इसी मामले में बार बार फोन आने पर जब जांच की गई तो जोया खान का भेद खुल गया।
चार बार जा चुकी है जेल
फर्जीवाड़े में जोया खान पहले भी चार बार जेल जा चुकी है। अप्रैल 2019 में नोएडा से ही जेल गई थी। इसके बाद 2023 में मेरठ व गुरुग्राम में जेल गई। जांच में पता चला है कि जोया ने यूपीएससी की तैयारी भी की लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। 2019 में खुद को संयुक्त सचिव विदेश मंत्रालय भारत सरकार बताकर अपनी सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट और सुरक्षा की मांग पुलिस अधिकारियों से की। जांच में फर्जी पाए जाने पर मुकदमा दर्ज हुआ। यह मामला अदालत में विचाराधीन है। इसके बाद जोया ने सन 2019 में ही भारत विदेश मंत्रालय में खुद को अंडर सेक्रेटरी बताते हुए सुरक्षा की मांग की। जिसका खुलासा होने पर मेरठ के थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज है। पूछताछ में अखिल भारतीय सेवा के एक अफसर का नाम भी जोया ने लिया है। इसकी जांच की जा रही है।