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रोषः ग्रेनो वेस्ट टेकजोन-4 में फुटपाथ बनाने से ग्रेनो प्राधिकरण ने किया इंकार

जान हथेली पर रखकर बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने जाते हैं यहां के निवासी

ग्रेटर नॉएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के टेकज़ोन-4 में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने फुटपाथ बनाने से इन्कार कर दिया है। यह जानकारी नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने यहां शुक्रवार को दी।

पैदल चलना भी मुश्किल

नोफावा अध्यक्ष का कहना है कि एक ही सड़क पर 4-5 स्कूल हैं। स्कूलों की वजह से काफी संख्या में बस, कार और दुपहिया वाहनों का आवागमन होता है। इन स्कूलों में आस पड़ोस के सोसाइटी निवासी पैदल भी बच्चों को स्कूल छोड़ने और लाने जाते हैं। लेकिन सुबह और स्कूल की छुट्टी के समय अत्यधिक वाहनों की वजह से पैदल यात्रियों को सड़क के किनारे चलना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रेनो प्राधिकरण ने पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ का इंतजाम नहीं किया है। फुटपाथ न होने से पैदल यात्रियों का चलना बहुत ही मुश्किल होता है।

जीएम ने दिया था आश्वासन

उन्होंने जानकारी दी कि नेफोवा 11-दिसंबर 2019 को इस सम्बन्ध में एक शिकायती पत्र ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिया था। उस समय प्राधिकरण के महाप्रन्धक और वरिष्ठ प्रबंधक ने फुटपाथ बनवाने का आश्वाशन दिया था। काफी समय बीतने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो 18-जुलाई 2022 को जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज करके इसके बारे में पूछा गया। शिकायत के जवाब में सम्बंधित अधिकारियों ने टेकज़ोन-4 में फुटपाथ बनाने से साफ़ इंकार करते हुए बताया कि सडकों की पटरियों पर फुटपाथ बनाए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है, उक्त स्थानों पर उद्यान विभाग द्वारा घास रोपित किया गया है।

प्राधिकरण के रुख से रोष

प्राधिकरण के इस रुख से आसपास के सोसाइटियों में रहने वाले लोगों में काफी रोष है। स्प्रिंग मीडोज सोसाइटी के सागर गुप्ता का कहना है कि कहने को ग्रेटर नॉएडा को प्लांड सिटी कहते हैं लेकिन पता नहीं किस बेवकूफ ने प्लान किया कि फुटपाथ जैसी मूलभूत जरूरत ही प्लान करना भूल गया। जब प्राधिकरण मूलभूत सुविधाएँ ही नहीं दे सकता फिर बहुमंजिला इमारतें बनाने को इजाजत क्यों दिया।

विकास कटियार का कहना है कि ग्रेनो वेस्ट में अधिकारियों को सुविधाएँ विकसित करने को बार बार निवेदन किया जाता है लेकिन अधिकारी अपनी मर्जी से ही काम करते हैं, उन्हें आम जनता के दुःख दर्द से कोई मतलब नहीं। क्या प्राधिकरण फुटपाथ जैसी अत्यंत जरुरी सुविधा भी नहीं दे सकता।

 

ला रेसिडेंसिया के निवासी सुमिल जलोटा का कहना है कि पटरी पर घास तो लगाया है लेकिन उसका इस्तेमाल पैदल यात्री नहीं कर सकते क्योंकि सड़क संकरी होने से पटरी पर भी गाड़ियां चलती हैं। इसके साथ पटरी के घास का इस्तेमाल अवैध मार्किट लगाने के लिए और स्कूल के वाहनों की पार्किंग के लिए होता है। फुटपाथ बनने के पैदल यात्रियों को काफी सुविधा होती।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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