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जमीनों का खेलः कीमती जमीनों पर भूमाफिया की नजर, शहर में बढ़ रहा तेजी से अतिक्रमण, प्राधिकरण सीईओ को भेजा पत्र

नोएडा (फेडरल भारत नेटवर्क) : शहर में आबादी के विस्तार के साथ ही जमीनों की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में जमीनों पर अतिक्रमण और डूब क्षेत्र की भूमि पर प्लाट काटकर कॉलोनियां बसाने का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है। इसको लेकर कनफरड्रेशन ऑफ एनसीआर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोशिएशन (कोनरवा) ने नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ को चिट्ठी लिखकर अतिक्रमण पर रोक लगाने और दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है।
डूब क्षेत्र में बढ़ रहा अतिक्रमण
कोनरवा के नोएडा चेप्टर के अध्यक्ष पीएस जैन और सहसंयोजक बीबीवलेचा ने प्राधिकरण के सीईओ को भेजे पत्र में कहा है कि शहर में पिछले कुछ वर्षों में अतिक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है। शहर के सेक्टरों व हिंडन के डूब क्षेत्र में प्रतिदिन अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। जिसके अंतर्गत सेक्टरों में भी अवेध निर्माण व हिंडन में डूब क्षेत्र में रोजाना नई नई कॉलोनियॉ बनाई जा रही है।
नोटिस देकर सिर्फ खानापूर्ति
शहर के पुराने सेक्टरो में भी अतिक्रमण करके निर्माण कार्य काफी तेजी से हो रहा है। प्राधिकरण के अफसर भी इससे अनजान नहीं हैं। प्राधिकरण द्वारा नोटिस जारी करने की कारवाई की जाती है, परंतु कारवाई नहीं होती है। किसी न किसी कारण से नोटिस दबा दिए जाते हैं। इससे अवैध कब्जाधारियों के हौसले बढ़ रहे हैं।
नोटिस पर कारवाई का संज्ञान लें
श्री जैन का कहना है कि संस्था का सुझाव है कि पिछले दो सालो में प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण के विरूद्ध जितने भी नोटिस जारी किए हैं उन पर क्या-क्या कारवाई कि गई है, इसके बारे में जानकारी ग्रहण करें तथा जिनके भी विरूद्ध कारवार्ई क्यों नहीं कि गई है, तो उनके विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। क्योंकि ऐसे अतिक्रमण के न तो नक्शे पास कराये जाते हैं और न ही प्राधिकरण से कोई अनुमति ली जाती है।
जारी नोटिसों के बारे में की जाए जांच
पत्र में मांग की गई है कि पिछले दो वर्षो में प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण के विरूद्ध जो भी नोटिस जारी किए गए हैं, उनकी गहनता से पड़ताल की जानी चाहिए। जिससे शहर में होने वाले अतिक्रमण के दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कारवाई की जा सके।
जानिए क्या है नियम
जिला आपदा प्रबंधन कमिटी ने का स्पष्ट आदेश है कि एक्ट के मुताबिक डूब क्षेत्र में निर्माण नहीं किया जा सकता, जिसके चलते निर्मित मकान की रजिस्ट्री तो होगी ही नहीं। साथ ही जो खाली प्लॉट की रजिस्ट्री कराई जाएगी उसमें संबंधित अथॉरिटी को एनओसी देनी होगी।इस पर वर्तमान में निर्माण नहीं है और प्लॉट का इस्तेमाल खेती के लिए किया जाएगा। जिला आपदा प्रबंधन कमिटी के आदेश में यह भी है कि नोएडा के गावों में आबादी की जमीन पर बनी सिर्फ ऐसी बिल्डिंग की रजिस्ट्री हो सकती है जो कि 15 मीटर तक ऊंची हो। यदि आबादी की जमीन पर बनी किसी ऊंची बिल्डिंग में आप फ्लैट ले रहे हैं और फ्लैट के फ्लोर की ऊंचाई 15 मीटर से ज्यादा है तो रजिस्ट्री नहीं की जा सकती। जिन लोगों ने पहले ऐसे फ्लैटों या डूब क्षेत्र के प्लॉटों की रजिस्ट्री करा रखी है वो आगे नहीं बेच सकते। ऐसे में जो लोग खरीदेंगे उनकी रजिस्ट्री नहीं होगी।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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