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गिरोह का खुलासाः मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पूर्व छात्र बदमाशों के साथ मिलकर करने लगा जघन्य अपराध

हत्या, डकैती, लूटपाट, देह व्यापार जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देता है यह गिरोह, दिल्ली व एनसीआर के जिले होते हैं इनके शिकार का निशाना, तीन बदमाश गिरफ्तार, अन्य की तलाश में जुटी पुलिस

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट थाना सेक्टर-58 पुलिस ने पिछले महीने हुई राहुल चौहान नामक व्यापारी की गोली मारकर हत्या और उससे लाखों रुपये लेने वाले गिरोह का खुलास किया है। गिरोह के बदमाशों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का एक पूर्व छात्र भी शामिल है। वह भी गिरोह के बदमाशों के साथ मिलकर अपराधों में बराबर शरीक हुआ करता था।

 

 

 

क्या है मामला

यहां शनिवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए नोएडा के डीसीपी हरीश चन्दर ने बताया कि थाना सेक्टर-58  नोएडा की पुलिस टीम ने आज शनिवार को सीडैक कंपनी के सामने सी ब्लाक सेक्टर 62, नोएडा से रचित उर्फ राहुल चौहान की गोली मारकर हत्या और उसके पास मौजूद लाखों रुपये लूट लिए जाने के गिरोह का पर्दाफाश किया। पुलिस ने गिरोह के तीन बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है। उनके पास से लूट के रुपये, राहुल का बैग, पर्स, दस्तावेज, लूटपाट और हत्या में प्रयुक्त किए गए चोरी की मोटरसाइकिल, हत्या में प्रयोग किए गए अवैध हथियारों और कारतूस बरामद किए हैं।

क्या है मामला

रचित उर्फ राहुल के पिता ने थाना सेक्टर-58 पर एफआईआर दर्ज कराई कि उनका पुत्र रचित चौहान जो खोडा कालोनी दीपक विहार गली नंबर सात 7, जिला गाजियाबाद में रहता था, वह स्टार इण्टर प्राइजेज नाम से दुकान चलाता था। इस दुकान में डिस्पोजल थाली, गिलास, चम्मच आदि के समान बेचे जाते हैं। 21 अप्रैल को उनका पुत्र रात करीब साढ़े दस बजे रोजाना की तरह अपनी दुकान बंद कर दुकान में बिक्री की धनराशि अपने थैले में रखकर स्कूटी से घर रजत विहार सेक्टर-62 जा रहा था। जैसे ही रचित रजत विहार टी-प्वाइंट के पास पंहुचा तो वही पर लगे फालूदा के ठेले से फालूदा ले रहा था। उसी समय दो अंजान युवक बाइक से आए। वे रचित से बैग छीनने लगे। रचित ने विरोध किया तो बदमाशो ने उसे गोली मर दी और रुपयों से भरा बैग लेकर भाग गए। गोली लगने से रचित बुरी तरह घायल हो गया था। उसे मेट्रो हॉस्पिटल से0-11 नौएडा मे भर्ती कराया गया जहां उसकी की मौत हो गई।

चार टीमें गठित की गईं थी

इस वारदात के खुलासे के लिए रचित के पिता की तहरीर ने पुलिस ने मुकदमा भादवि की धारा 302, 394 के तहत दर्ज कर मामले की शुरू कर दी। उधर पुलिस के उच्चाधिकारियों के निर्देशन में चार टीमें का गठित कर दी गईं। तकनीकी सर्विलांस, दुकान के आस-पड़ोस और घटनास्थल के आसपास लगे करीब 100 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। सीसीटीवी फुटेज से संदिग्ध लोगों की पहचान के लिए जानकारी एकत्र की गई।  तकनीकी सर्विलांस से संदिग्धों के मोबाइल डाटा एकत्र किए गए।  महत्वपूर्ण जानकारी मिलने पर लोकल इंटेलिजेंस एवं बीट पुलिसिंग के आधार पर अभियुक्तों के संबन्ध में सटीक जानकारी  हासिल की गई। पुलिस  टीमों के कड़े प्रयास के बाद मामले का खुलासा हो गया।

कौन हैं गिरोह के बदमाश

उन्होंने बताया कि पुलिस ने 21 अप्रैल की गोली मारकर रचित की हत्या, उससे लूटे गए लाखों रुपयों के मामले पर्दाफाश करते हुए साहिल उर्फ शहवाज, बिज्जी उर्फ विजय और आदी उर्फ़ दिव्यांशु को सीडैक कंपनी के पास सी ब्लाक सेक्टर 62, नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रचित उर्फ राहुल चौहान से लूटे गए दो लाख 16 हजार 420 रूपये बरामद कर लिए हैं।

कहां के रहने वाले हैं गैंग के बदमाश

पुलिस ने रचित उर्फ राहुल की हत्या के आरोप में गिरोह के जिन बदमाशों को गिरफ्तार किया है उनमें साहिल उर्फ शाहवाज (उम्र- 24 वर्ष) निवासी ग्राम बैठ थाना सिम्भावली जिला हापुड का मूल निवासी है। वह वर्तमान में राजीव एडवोकेट के मकान दीपक विहार खोडा कालोनी गाजियाबाद में रहता था। बिज्जी उर्फ विजय उर्फ ब्रिजेश (उम्र- 24 वर्ष) निवासी मोहल्ला वाल्मीकि कस्बा व थाना नगीना जिला नूंह (मेवात) हरियाणा का मूल निवासी है। वह वर्तमान में  गली नंबर-2 आईपी कालोनी संतनगर बुराडी दिल्ली में रह रहा था। आदी उर्फ दिव्यांशू भंडारी (उम्र- 29 वर्ष) मूल रूप से ग्राम इस्लामपुर दास थाना कोतवाली शहर बिजनौर का निवासी है। वह वर्तमान में सी-901 विक्ट्री वन अमारा सोसाइटी थाना बिसरख गौतमबुद्ध नगर में रहता था।

वारदात को कैसे अंजामम दिया गैंग ने

डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए गिरोह के बदमाशों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि उनके खिलाफ कई गंभीर आपराधिक प्रवृत्ति के मुकदमें दर्ज हैं। वे धनी व्यापारियों को चिन्हित कर पहले उनकी रैकी करते हैं।  इसके बाद उनके पास मौजूद नगदी और सामान लूट लेते हैं। उन लोगों ने रचित को चिन्हित कर लिया था। 19 अप्रैल को इसी चोरी की मोटरसाइकिल से वारदात को अंजाम देने के लिए रचित उर्फ़ राहुल का आदी उर्फ़ दिव्यांशू और विज्जी उर्फ विजय ने पीछा किया था लेकिन इन दोनों को रास्ता और गालियों की सही जानकारी नहीं थी। दोनों ने सोचा कि यदि वारदात के बाद सही रास्ते नहीं भाग पाएंगे तो पकड़ लिए जाएंगे। इस कारण उस दिन घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे। तब दोनों ने शाहवाज उर्फ साहिल से संपर्क किया। साहिल ने राहुल के जाने का रास्ता, उसके घर का रास्ता दिखाया था। वारदात को अंजाम देने के बाद भागने का रास्ता, राहुल के बारे में विस्तृत जानकारी भी साहिल ने रेकी कर दोनों को दे दी। उसने दोनों को बताया था कि राहुल के दुकान पर रोज लाखों रुपये की सेल होती है। इसे आराम से लूटा जा सकता है। राहुल उर्फ रचित आसान शिकार हो सकता है। रात में दुकान बंद कर रुपयों से भरा बैग लेकर अकेले स्कूटी से घर जाता है।

साहिल उर्फ शाहबाज ने दोनों को भेजा था
डीसीपी ने मीडिया कर्मियों को बताया कि 21 अप्रैल को साहिल उर्फ शाहवाज ने ही रैकी कर इन्हें भेजा था। दो लाल रंग के बैग में लाल मिर्च पाउडर बाजार से लाया था। इसी तारीख की रात में रचित उर्फ राहुल अपनी दुकान बंद कर जब दुकान की बिक्री का पैसा थैले में रखकर अपनी स्कूटी से अपने घर जा रहा था। जैसे ही वह रजत विहार टी-प्वाइंट के पास पंहुचा तो वही पर लगे फालूदा के ठेले से फालूदा खरीद रहा था। तभी बिज्जी उर्फ़ विजय और आदी उर्फ़ दिव्यांशू ने गोली मारकर रचित के पैसो का बैग लेकर भाग गए थे। बैग में करीब 3 लाख रुपये थे। उनमें से उन्होंने 75 हजार रुपये शाहवाज उर्फ साहिल को दिए। शेष रूपये इन दोनों आधा-आधा बांट लिया था। इनमें से 13 हजार 500 से उन्होंने स्कूटी खरीदी है।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पूर्व छात्र है दिव्यांशू

पकड़ा गया आरोपी दिव्यांशु मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। वह दिल्ली में देह व्यापार का काम भी कराता है। बिज्जी उर्फ विजय उर्फ ब्रिजेश हत्या के मामले में पेरौल पर जेल से बाहर है। वह जेल से बाहर आते ही अपराधों को अंजाम देना शुरू कर दिया है। शहबाज पूर्व में डकैती के मुकदमें में जेल जा चुका है। वह गाजियाबाद के गैंगस्टर का मुल्जिम है। वह पिछले चार सालों से खोड़ा में रहा रहा था। पूछताछ में यह भी पता लगा है बिज्जी उर्फ विजय उर्फ ब्रिजेश दिल्ली में जुआ व सट्टा खेलने वालों से महीना वसूलता है। वह रचित उर्फ राहुल की हत्या प्रयुक्त पिस्टल काफ़ी पहले शेरनी उर्फ शकील से खरीदी है। शकील इस समय जेल में बंद है।

खूंखार अपराधी हैं तीनों

डीसीपी ने बताया कि तीनों खूंखार अपराधी हैं। तीनों के खिलाफ खिलाफ विभिन्न थानों में हत्या, डकैती, लूटपाट, शस्त्र अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, जानलेवा हमला सहित अन्य गंभीर अपराधों में दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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