गौतमबुद्धनगर में पकड़ा गया फर्जी नोटों के बंडल वाला गिरोह, लखनऊ में छिपा बैठा है सरगना
ग्रेटर नोएडा: थाना दनकौर पुलिस ने असली नोट की तरह दिखने वाली कागज के नोट को असली दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह डीके गिरोह का पर्दाफाश किया है। इनके पास से पुलिस को 469 असली 500 रूपये के नोट व असली नोटों के साइज का कटे कागज की गड्डिया बरामद हुई है। पुलिस ने गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार भी किया है।
थाना दनकौर पुलिस की टीम को गश्त के दौरान अभियुक्त विशाल चौहान, मोबिनखान और उपेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से एक 8 लोहे के बक्शों में भरे 500 रूपये के कुल 469 असली नोट व असली की तरह दिखने वाले कागज की छपाई नोट नुमा बन्डल, एक लैपटाप, एक नोट गिनने की मशीन, एक नोट के बन्डल बनाने की मशीन बरामद हुई । इसके बाद पूरे मामले को लेकर थाना हाजा पर मुकदमा दर्ज किया गया है ।
पुलिस ने ट्रैप लगाकर पकड़ा
रात में दनकौर पुलिस टीम सलारपुर अंडरपास के नजदीक स्थित तिरंगा चौक के समीप पहुंची तो चौक के दूसरी तरफ गौर सिटी की ओर दो व्यक्ति खडे हुए संदिग्ध दिखे जिनमें से एक व्यक्ति अपनी पीठ पर पिट्ठू बैग लिये हुए था । जैसे ही पुलिस टीम नजदीक पहुँची और खड़े उन दोनों व्यक्तियों को रोका-टोका गया तो वह दोनों व्यक्ति पीछे मुड़कर तेज कदमों से गौर सिटी की ओर जाने लगे।पुलिस ने विशाल व मोबिन खान को घेरघोट कर पकड लिया और पकड़े गए व्यक्तियों की निशादेही पर उनके तीसरे साथी उपेन्द्र सिह को गिरफ्तार किया गया।
लखनऊ से गैंग ऑपरेट करता है प्रदेश कुमार उर्फ डीके
इस तरह के छल कर नोट रखने का कारण सख्ती से पूछने पर बताया कि हमारा एक संगठित गिरोह है । जिसको प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डीके निवासी लखनऊ चलाता है। गैग का लीडर प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डीके है । प्रवेश उर्फ डीके द्वारा छोटी 2 कम्पनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फंसाया जाता है एंव कम्पनियो से एनजीओं में पैसा फंडिंग कराने का आशवासन देता है। कम्पनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद अभियुक्त विशाल चौहान , मोबिनखान, उपेन्द्र सिंह उपरोक्त अन्य लोगों को अपनी कम्पनी का मैनेजर आदि बनाकर कम्पनी एंव एनजीओ में भेजा जाता है।