अच्छी पहलः घायल छात्रा के परिजनों को इलाज के लिए पुलिस ने सौंपी दस लाख की डीडी
घायल छात्रा के इलाज के लिए पुलिस कर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर एकत्र किया है दस लाख रुपये
नोएडा। पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल छात्रा स्वीटी के इलाज के लिए पुलिसजनों द्वारा जुटाई गई दस लाख रुपये की धनराशि का डीडी आज शुक्रवार को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। परिजनों की आर्थिक हालात ऐसे नहीं हैं कि बुरी तरह से घायल स्वीटी के इलाज का खर्च वे वहन कर सकें।
पीसी की पहल पर पुलिस ने जुटाई राशि
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की एक सार्थक बेहतर पहल पर पुलिस कर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर स्वीटी के इलाज के लिए दस लाख रुपये जुटाए हैं।
दस लाख की डीडी परिजनों को सौंपी
पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देश के अनुसार डीसीपी सेंट्रल नोएडा एवं मुख्यालय रामबदन सिंह ने घायल छात्रा स्वीटी के परिजनों से मुलाकात की। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर की पहल पर गौतमबुद्धनगर के पुलिसकर्मियों के एक दिन के वेतन से एकत्र हुए 10 लाख रुपये की डीडी को डीसीपी मुख्यालय ने घायल छात्रा के इलाज के लिए परिजनों को सौंपा। इसके अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने व्यक्तिगत तौर पर घायल छात्रा के इलाज के लिए एक लाख रुपये का चेक भी दिया है।
क्या है मामला
आज शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर के पर डीसीपी सेंट्रल नोएडा एवं मुख्यालय रामबदन सिंह ने थाना बीटा-2 क्षेत्र के अंतर्गत सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हुई छात्रा स्वीटी के परिजनों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की। उन्होंने घायल छात्रा के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए पुलिसकर्मियों की ओर से एक दिन के वेतन से एकत्र हुए 10 लाख रुपये का डीडी और पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की ओर से व्यक्तिगत तौर पर एक लाख रूपये का चेक दिया। उन्होंने परिजनों को हर प्रकार की मदद का भरोसा भी दिलाया।
पुलिस कमिश्नर खुद रही मानीटर
पुलिस उपायुक्त ने छात्रा के परिजनों को जानकारी दी कि पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह पूरे प्रकरण को खुद मॉनिटर कर रही हैं। डॉक्टर को बेहतर इलाज देने के लिए बता दिया गया है। उन्होंने छात्रा स्वीटी के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
कैसे घायल हुई स्वीटी
बीटेक की छात्रा स्वीटी पिछले दिनों अपनी दो अन्य सहपाठियों के साथ बस स्टैंड की ओर जा रही थी। इसी बीच रात में एक वाहन की टक्कर से स्वीटी सहित तीनों घायल हो गए थे। दो को प्रारंभिक उपचार से बाद घर भेज दिया गया था। लेकिन स्वीटी की हालत काफी खराब होने के कारण उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका इलाज अब भी जारी है। स्वीटी के परिजनों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसके इलाज का भारी भरकम रकम वहन कर सकें। उसके इलाज के लिए उसके सहपाठी सामने आए थे उन्होंने चंदा करके एक लाख रुपये जुटाए थे और अन्य लोगों से मदद की अपील की थी। पुलिस कमिश्नर ने एक बेहतर पहल की और पुलिस कर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर दस लाख रुपये जुटाए।