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अच्छी खबरः प्रदेश में हर पुलिस कर्मचारी का होगा अपना आवास

मुख्यमंत्री के आदेश पर गृह विभाग, आवास और राजस्व विभाग के साथ तैयार कर रहा रूपरेखा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आम लोगों के साथ ही प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को संभाल रहे लाखों पुलिस कर्मचारियों की बुनियादी आवश्यक्ताओं पर भी ध्यान दे रही है। इसके तहत प्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक पुलिस कर्मचारी को उसका अपना आवास प्रदान करने जा रही है। इसके लिए प्रदेश का गृह विभाग, आवास विभाग और राजस्व विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से वर्चुअली 260.02 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई पुलिस की 144 आवासीय और अनावासीय परियोजनाओं का लोकार्पण किया था।

दी जाएगी आर्थिक मदद

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की इस घोषणा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस के हर कर्मचारी को उसके अपने आवास की सुविधा मुहैया कराए जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए गृह विभाग, आवास विभाग और राजस्व विभाग इसकी रूपरेखा पर कार्य कर रहा हैं। ये भी देखा जा रहा है कि इस योजना के तहत सरकार की ओर से पुलिस कर्मचारियों को क्या वित्तीय मदद की जा सकती है। ताकि उन्हें और उनके परिवारीजनों को राहत दिलाई जा सके। मालूम हो कि प्रदेश में पुलिस बल में 4 लाख से ज्यादा जवान कार्यरत हैं जो इसे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया में सबसे बड़ा पुलिस बल बनाता है। योजना के तहत, ऐसे पुलिस कर्मियों को चिन्हित किया जाएगा, जिनके पास अपना स्वयं का आवास नहीं है। इसके बाद उन्हें उनकी जरूरतों के अनुसार आवास और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

जल्द पूरा होगा बैरक, विवेचना कक्ष का लक्ष्य

अपर मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री का आदेश है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रत्येक कांस्टेबल, महिला कांस्टेबल, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर के लिए बैरक एवं विवेचना कक्ष होना चाहिए। इस लक्ष्य को पाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि अगले 12 से 18 महीने में इस लक्ष्य को हर हाल में पूरे प्रदेश में हासिल कर लिया जाए। गौरतलब है कि इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली की 886.12 लाख रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया था। इनमें पुलिस लाइन में 741 लाख रुपये से बैरक का निर्माण किया गया, जबकि साइबर क्राइम ऑफिस का 134 लाख रुपए से निर्माण कराया गया है।
बिता सकेंगे सुकून के पल
इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे पुलिस के जवान 8 घंटे से लेकर 20 घंटे तक काम करते हैं। कई बार तो उन्हें छुट्टी तक नहीं मिलती। ऐसे में जब वह काम से थककर घर वापस जाएं तो उन्हें उनके अपने आवास में परिवार के साथ सुकून के पल बिताने का मौका मिलना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस की बुनियादी आवश्यक्ताओं के प्रति संवेदनशील है और इस दिशा में लगातार प्रयास हो रहा है कि जल्द से जल्द पुलिसकर्मियों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पुलिस बल का आधुनिकीकरण सरकार की प्राथमिकताओं में है और ये बुनियादी आवश्यक्ताओं को पूरा किए बिना संभव नहीं है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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