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भंगेल के लिए अच्छी खबर: डिजाइन को मिली आईआईटी रुड़की की हरी झंडी, आठ माह में पूरा करने का लक्ष्य

नोएडा(फेडरल भारत नेटवर्क): भंगेल के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है। भंगेल में एलिवेटेड के डिजाइन को रुड़की आईआईटी से स्वीकृति मिल जाने के बाद अब इसके निर्माण में तेजी आने की संभावना है। उप्र शासन के निर्देश पर नोएडा प्राधिकरण ने डिजाइन की स्वीकृति के लिए आईआईटी रुड़की भेजा गया था। अब रोड की चौड़ाई लगभग आधा मीटर तक कम हो जाएगी।
दो मकानों के कारण बदला डिजाइन
जानकारी के अनुसार, एलिवेटेड के पियर नंबर 121 से 124 तक इसकी चौड़ाई कम होगी। इसके बाद पुल की चौड़ाई सामान्य रहेगी। डिजाइन में बदलाव की मुख्य वजह निर्माण क्षेत्र में दो भवनों का आना था, जिस वजह से निर्माण कार्य बाधित था। इन भवनों को भी करीब डेढ़ फीट तक तोड़ा जाएगा।
काफी माथापच्ची कर चुके थे अफसर
प्राधिकरण अधिकारी इसके डिजाइन को लेकर काफी माथापच्ची कर चुके थे। पहले प्राधिकरण अफसर चाहते थे कि एलिवेटेड के ढांचे को स्थान देने के लिए तोड़फोड़ की जाए।ऐसा करने से रास्ते में आ रहीं दोनों बिल्डिंगे 2.5 मीटर तक टूट रही थीं। अब नए डिजाइन में में 90 मीटर कीलंबाई में चौड़ाई को आधा मीटर कम कर दिया जाएगा। चौड़ाई दोनों और की सड़क की कम होगी। इससे एलिवेटेड के मूल ढांचे में कोई बदलाव नहीं होगा।
लागत मूल्य के कारण बंद रहा का काम
इस एलिवेटेड का निर्माण जून 2020 में प्रारंभ हुआ था। इसे 07 दिसंबर 2022 तक पूरा होना था, लेकिन लागत मूल्य के विवाद के कारण काम बंद रहा। अब काम में तेजी के दावे किए जा रहे हैं। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि आठ से दस माह के भीतर इसे तैयार कर आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। इससे नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वालों को काफी राहत मिलेगी। इस एलिवेटेड के निर्माण में 600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है।
व्यापारी कर चुके हैं आंदोलन
भंगेल के व्यापारी इस एलिवेटेड के निर्माण से सबसे अधिक दुखी और परेशान हैं। कई बार यहां का उद्योग और व्यापारमंडल प्रदर्शन कर चुका है। उनका आरोप है कि निर्माण लटका होने से उनका व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है। फेडरल भारत इस समस्या को लेकर कई बार मामला उठा चुका है। पिछले दिनों वीडिया के माध्यम से व्यापारियों की व्यथा को भी सामने रखा था।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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