सुखद खबर : ग्रेटर नोएडा वेस्ट को मिलेगी मेट्रो, चार मूर्ति पर बनेगा मुख्य स्टेशन, सीधा जेवर एयरपोर्ट तक सुविधा
नोएडा (फेडरल भारत नेटवर्क) : आखिरकार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों लोगों के लिए सुखद खबर आ गई है और उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लिए लंबे समय से रुकी मेट्रो रेल परियोजना को केंद्री की नरेंद्र मोदी सरकार से हरी झंडी मिल गई है। सेक्टर 51 की मेट्रो लाइन को विस्तार देकर चार मूर्ति गोल चक्कर से कनेक्ट किया जाएगा। नॉलेज पार्क पांच को एक्वा लाइन से जोड़ दिया जाएगा। इससे गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक सीधा कनेक्शन हो जाएगा।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए जेवर एयरपोर्ट तक सीधी मेट्रो
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना के अनुसार विस्तृत मेट्रो नेटवर्क तैयार किया जाएगा। यह नेटवर्क गाजियाबाद से प्रारंभ होकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट होते हुए नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जेवर जाएगा। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के समग्र विकास को एक नई ऊंचाई मिलेगी और क्षेत्र के लाखों लोगों को यातायात के लिए एक सुगम सुविधा मिल जाएगी।
केंद्र और राज्य सरकार की बराबर की हिस्सेदारी
डॉ अरुणवीर सिंह के अनुसार, इस परियोजना के लिए केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का अंशदान बराबर-बराबर यानी 20-20 फीसद रहेगा। जबकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की हिस्सेदारी 60 फीसद होगी। यदि परिवहन निगम खर्च वहन नहीं कर पाएगा, ग्रेनो अथॉरिटी, यमुना विकास प्राधिकरण, नोएडा इंटरनेशनल और जीडीए मिलकर वहन करेंगे।
कनेक्टिविटी बढ़ेगी, मिलेगा लाभ
परियोजना के नए प्रस्ताव में एक्वा लाइन का विस्तार सेक्टर 52 से नॉलेज पार्क 5 तक किया जाएगा। जिसे एयरपोर्ट से जाने वाली नमो भारत की लाइन से जोड़ा जाएगा। इसका ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लाखों रेजिडेंट्स को भी लाभ मिलेगा। इससे शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी और नोएडा के साथ-साथ गाजियाबाद के लिए भी यातायात की एक सुगम राह खुल जाएगी।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सुगम और सुविधाजनक यातायात के लिए लंबे समय से क्षेत्रवासी मांग करते रहे हैं। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लगभग 10 लाख फ्लैट हैं, लेकिन निजी वाहनों और ऑटो, ईरिक्शा के अलावा परिवहन का दूसरा कोई साधन उपलब्ध नहीं होने से लोगों को अधिक समय और धन खर्च करना पड़ता है। इस परियोजना के मूर्त रूप लेने से एनसीआर में एक समान यातायात की सुविधा को साकार किया जा सकेगा। साथ ही क्षेत्र के विकास को नई पंख लग जाएंगे। इसका फायदा रियल एस्टेट के बिजनेस को मिलेगा। रियल एस्टेट में इससे नया बूम आ सकता है।