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उत्तर प्रदेशलखनऊ

अच्छी खबरः खींचिए उप्र की धरोहरों की खूबसूरत तस्वीरें, सरकार देगी पुरस्कार

पुरातत्व स्थलों, धरोहरों की खींचनी होगी तस्वीरें, प्रतिभागियों को मिलेगा प्रमाणपत्र

लखनऊ। अगर आप प्रोफेशनल फोटोग्राफी के जानकार हैं और पुरातत्व स्थलों और धरोहरों की तस्वीरें खींचने का शौक रखते हैं तो ये अच्छी खबर आपके लिए ही है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश के पुरातत्व और संस्कृति विभाग की ओर से फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक महत्व के धरोहरों की बेहतरीन तस्वीरें खींचने वालों के लिए योगी सरकार की ओर से पुरस्कार की भी घोषणा की गई है। इसकी अंतिम तिथि 15 अगस्त है।

संरक्षित धरोहरों के ही फोटोग्राफ्स मान्य

उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग के निदेशक की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है। जानकारी में बताया गया है कि ये प्रतियोगिता सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आयोजित की जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग की ओर से संरक्षित धरोहरों के फोटोग्राफ्स ही मान्य होंगे। एक स्मारक के चार एंगल से फोटोग्राफ्स लेने होंगे। साथ ही फोटोग्राफ्स का रिजोल्यूशन 600 डीपीआई से कम का नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा फोटोग्राफ्स पर किसी प्रकार का वाटरमार्क और नाम नहीं लिखा होना चाहिए। सभी चयनित फोटोग्राफ्स पर विभाग का कॉपीराइट रहेगा।

10, 7 व पांच हजार रुपये के इनाम

सबसे अच्छी तस्वीरें खींचकर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को योगी सरकार की ओर से क्रमश: 10 हजार, 7 हजार और 5 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा 2-2 हजार रुपये के दो सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

अन्य प्रतिभागी निराश न हो

अन्य प्रतिभागियों को भी निराश होने की आवश्यक्ता नहीं है। किसी भी स्थान पर नहीं आने वाले प्रतिभागियों को सरकार की ओर से सहभागिता प्रमाणपत्र दिया जाएगा।

और जानकारी के लिए करें फोन

इस फोटोग्राफी प्रतियोगिता के बारे में 9648128227 पर वाट्सएप करके अधिक जानकारी हासिल की जा सकती है। प्रतियोगिता के लिये फोटोग्राफ्स uparchaeologicalactivities@gmail.com के मेल पर 15 अगस्त से पहले भेजना होगा।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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