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मिली अनुमतिः सुपरटेक को मिली लोन लेने की अनुमति, घर खरीदारों को मिलेगा फायदा

ऑक्ट्री कंपनी से 1500 करोड़ का लोन लेगा सुपरटेक, अपनी अधूरी पड़ी 18 परियोजनाओं को करेगा पूरा

ग्रेटर नोएडा। सुपरटेक कंपनी ऑक्टी कंपनी से एक हजार 500 करोड़ रुपये का लोन लेकर अपनी नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में अधूरे पड़े आवासीय परियोजनाओं को पूरा करेगा। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर 20 हजार के करीब घर खरीदारों को लाभ मिलने की उम्मीद बंध गई है।

सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत

सुपरटेक ने अपनी अधूरी पड़ी विभिन्न अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बाजार से लोन लेने की अनुमति मांगी थी। सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों बाजार से उठाए गए लोन को चुकता करने की अपनी योजना सौंपी थी। इस योजना में सुपरटेक ने जानकारी दी थी कि वह बाजार से उठाए गए लोन कैसे चुकाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक की सौपी गई योजना को देखने के बाद उसे बाजार से लोन उठाने की अनुमति दे दी है।

काफी मुश्किलों में है सुपरटेक

सुपरटेक कंपनी इन दिनों काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है। पिछले दिनों जिला प्रशासन, उप्र रेरा सहित अन्य की बकाया धनराशि को चुकता नहीं करने के कारण दादरी तहसील की राजस्व विभाग की टीम ने कार्रवाई कर सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में बकायों को चुकता करने की हामी भरने पर अरोड़ा को कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया था। सुपरटेक की मुश्किलों का आलम यह है कि वह धनाभाव के कारण अधूरे पड़ी अपनी 18 परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पा रहा है। ये परियोजनाएं नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद जिल में हैं। इन परियोजनाओं मं करीब 20 हजार घर खरीदारों का पैसा फंसा हुआ है। अधूरी पड़ी परियोजनाओं के कारण सुपरटेक घर खरीदारों को उनका घर नहीं दे पा रहा है। बाजार से लोन उठाने की अनुमति मिलने के बाद परियोजनाओं के पूरा होने और खरीदारों को उनके सपनों का घर मिलने की पूरी उम्मीद बंध गई है। सुपरटेक जिन 18 परियोजनाओं को पूरा करने करेगा उसका काम आईआरपी की देखरेख में होगा।

ये कंपनी देगी लोन

सुपरटेक को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए ऑक्ट्री कंपनी 1200 से 1500 करोड़ रुपये का लोन देगी। लोन के लिए सुपरटेक के प्रबंधन और ऑक्सी कंपनी के बीच बातचीत हो चुकी है। कंपनी ने लोन देने की अपनी सहमति जता दी है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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