हर गरीब को अगले साल तक आवास देगी सरकार
मुख्य सचिव ने बैठक में अधिकारियों को लक्ष्य को हासिल करने के दिए निर्देश
नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि राज्य के सभी गरीब परिवारों को अगले तक आवास उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस लक्ष्य को हर हाल में हासिल करने के निर्देश दिए। वे सोमवार को लखनऊ में आयोजित प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत एसएलएसएमसी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल अधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) शहरों की सूरत बदलने का काम है, इसमें कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। वर्ष 2023 तक प्रदेश के हर गरीब के सर पर छत का संकल्प को पूरा करना है। उत्तर प्रदेश ने पहले भी गरीबों को आवास देने की दिशा में अच्छा काम किया है। इस काम में और तेजी लाने की जरूरत है। नए या विस्तार के प्रोजेक्ट का शेष बचा कार्य बगैर देरी किए पूरा किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए 2018-19 में प्रदेश को 6 श्रेणियों में पुरस्कार मिला। वहीं 2019-20 में उत्कृष्ट कार्य के लिए देश में सर्वाधिक 9 श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। ऐसे में आगे भी उत्तर प्रदेश को अपने इसी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को जारी रखना है।
अपात्रों के अभ्यर्पण/कर्टेलमेंट के विषय पर उन्होंने संबन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना से जुड़ा जो भी व्यक्ति कार्य नहीं कर रहा, उसे दंडित करें। दोषी कंसलटेंट पर भी सख्त कार्रवाही हो और नियमानुसार एफ़आईआर भी दर्ज कराएं।
बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत व किफ़ायती आवास निर्माण (नया/विस्तार) घटक के अन्तर्गत स्वीकृत परियोजनाओं में केन्द्रांश की द्वितीय, तृतीय किश्त प्राप्त करने हेतु थर्ड पार्टी क्वालिटी मॉनिटरिंग की रिपोर्ट के सापेक्ष तैयार की गयी एक्शन टेकिंग रिपोर्ट (एटीआर), व्यक्तिगत आवास निर्माण (बीएलसी) घटक के अन्तर्गत 806 परियोजनाओं में अपात्रों के अभ्यर्पण/कर्टेलमेंट की डीपीआर, 22 जिलों की 86 परियोजनाओं में 60 हजार 7 आवासों के निर्माण के लिए डीपीआर तथा भागीदारी में किफायती आवास घटक की पांच परियोजनाओं के संशोधित प्रस्ताव पर चर्चा के बाद अनुमोदित किया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी आदि शामिल थे।