ग्रैपः हवा खराब होने से रोकने की कर ली गई है तैयारी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए आखिर क्या की गई है तैयारी
नोएडा। दीपावली का त्यौहार नजदीक आते ही दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। वायु प्रदूषण को दुरुस्त करने के लिए नोएडा के विभिन्न स्थानों पर एंटी स्मोग गन लगाए गए हैं। इन गनों की सहायता से वायु प्रदूषण को दूर करने की भरपूर कोशिश की जा रही है।
वायु प्रदूषण और बढ़ने की आशंका
दीपावली अभी दो दिन बाद है। इसके पहले ही पटाखे फूटने लगे हैं। आशंका जताई जा रही है कि दीपावली तक दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हवा बहुत खराब होगी।
ग्रैप का दूसरा चरण लागू
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) ने इस आशंका के कारण ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया है। इसके लागू होने से होटल, रेस्टोरेंट और रेहड़ी, पटरी पर चलने वाले खाद्य पदार्थों की दुकानों पर कोयला और लकड़ी से भोजन, चाय आदि खाद्य पदार्थ बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ग्रैप के दूसरे चरण के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का प्रयोग भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ग्रैप के चार चरण
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्थिति की गंभीरता के अनुसार उठाए जाने वाले कदमों से जुड़ी योजना है। इसे प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार चरणों में बांटा गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के 201 से 300 के बीच यानि ‘खराब’ श्रेणी में होने पर प्रथम चरण लागू होगा। एक्यूआई के 301 से 400 के बीच यानि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक यानि ‘अत्यधिक गंभीर’ श्रेणी में होने पर चौथा चरण लागू होगा।
उपसमिति ने की वायु गुणवत्ता की समीक्षा
ग्रैप के तहत कदम उठाने के लिए गठित उपसमिति ने पिछले दिनों बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में वायु गुणवत्ता की समीक्षा की गई। सीएक्यूएम ने एक आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि यह पाया गया है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब होने का पूर्वानुमान है और शनिवार से ठंडी हवाओं और स्थायी वायुमंडलीय परिस्थिति के अनुमान के कारण शनिवार से एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच सकता है। 24 अक्टूबर को दीपावली के कारण स्थिति और बिगड़ेगी। वायु गुणवत्ता और खराब होने से रोकने के लिए उपसमिति ने ग्रैप के दूसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है।
इन पर लागू होगा प्रतिबंध
- होटल, रेस्टोरेंट, भोजनालय आदि में तंदूर में लकड़ी और कोयले का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
- आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा।
इनके अलावा निजी गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रैफिक जाम वाली सड़कों पर ट्रैफिककर्मियों को लगाने का भी निर्देश दिया गया है। निजी गाड़ियों का कम से कम इस्तेमाल कर, पब्लिक ट्रांसपोर्ट से चलने की सलाह दी गई है। वाहन मालिकों को अपनी गाड़ियों के एयर फिल्टर समय-समय पर बदलने की सलाह दी गई है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक
वायुमंडल में हानिकारक गैसों, धूल कणों एवं सूक्ष्म जीवों की मिलावट को ‘वायु प्रदूषण’ कहा जाता है। वायुमंडल के प्रमुख प्रदूषक कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, अमोनिया, लेड, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड एवं कण पदार्थ हैं।
एक्यूआई की प्रमुख विशेषताएं
एक्यूआई सूचकांक में आठ प्रदूषकों को शामिल किया गया है। ये प्रदूषक- PM10, PM2.5., NO2, so2., CO., 03., NH3 और Pb हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक के अंतर्गत 6 वर्ग रखे गए हैं। प्रत्येक वर्ग का अलग-अलग कलर कोड है।
- 1-50 (अच्छा, हरा) मामूली असर
- 51-100 (संतोषजनक, हल्का हरा) संवेदनशीलः लोगों को सांस लेने में तकलीफ
- 101-200 (मध्यम पीला) फेफड़े, अस्थमा और दिल के मरीजों को साँस लेने में परेशानी
- 201-300 (खराब, नारंगी) अधिकांश लोगों को साँस लेने में परेशानी
- 301-400 (बहुत खराब, लाल) अधिक समय तक ऐसे क्षेत्र में रहने से सांस की बीमारी
- 401 से अधिक (खतरनाक, गहरा लाल) स्वस्थ लोगों पर भी प्रभाव पड़ता है।
वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी
गौतमबुद्ध नगर जिले खासतौर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा महानगरों में वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी कर ली गई है। इसके तहत वायु को शुद्ध करने के लिए विभिन्न चौराहों और संवेदनशील (खासतौर से जहां वायु प्रदूषण अधिका होने की आशंका है) स्थानों पर एंटी स्मोग गन लगाए गए हैं। ये गन जब ट्रैफिक अधिक होता है और जहां ट्रैफिक जाम की स्थित आने वाले स्थानों पर हर समय काम कर रहा है। इससे काफी हद तक फिलहाल लोगों को राहत मिली है। एंटी स्मोग गन की उपयोगिता अगस्त महीने में ध्वस्त की गई ट्विन टावर से उड़े गुबार से लोगों को राहत दिलाने के मौके पर परखी जा चुकी है।