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Greater Noida Hindi News: सीमा पार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने दी हिंदुओं व गैर मुस्लिमों पर हमले की धमकी

सीमा हैदर को पाकिस्तान भेजने की मांग, धमकी देने वालों को पाकिस्तानी बलूच डाकू बताया जा रहा, सीमा ने पूर्व पति का रिश्तेदार बताया

ग्रेटर नोएडा। अपने प्रेमी के लिए भारत आई सीमा हैदर उर्फ सीमा मीणा मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सीमा को लेकर सीमा पार पड़ोसी देश पाकिस्तान से धमकी आई है। धमकी के तहत सीमा को वापस पाकिस्तान भेजने की मांग की जा रही है। वरना बुरे अंजाम की धमकी दी गई है।

सीमा हैदर के पूर्व पति के रिश्तेदार

सीमा हैदर ने धमकी देने वालों को अपने पूर्व पति का रिश्तेदार बताया है। उसने कहा कि वह अंतिम सांस तक भारत में रहेगी। पाकिस्तान किसी भी कीमत पर वापस नहीं जाएगी। वह नई धमकी से काफी डर गई है।

नकाबपोश आतंकवादियों की धमकी

पाकिस्तान से जिन लोगों ने धमकी दी है वह नकाब में हैं। फोटो में करीब पांच नकाबपोश दिख रहे हैं। सभी के हाथों में हथियार है। धमकी कहा गया है कि हमारे जखरानी कबीले की एक लड़की पाकिस्तान से भारत चली गई है। यह समझ लो कि अगर तुमने हमारी लड़की (सीमा हैदर) को वापस नहीं किया तो जहां-जहां हिंदू या दूसरे मजहबों के लोग मौजूद हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इज्जत प्यारी है तो सीमा हैदर और उसके बच्चों को वापस पाकिस्तान भेज दो। हम बलोच हैं, छोड़ेंगे नहीं।

बलोच में चलता है काला काली कानून

पाकिस्तान के बलोच में काला काली कानून चलता है। यह कानून उनका खुद का है। इस काला काली कानून के अनुसार प्यार करने वालों को जीने का हक नहीं है। उन्हें मौत की सजा दी जाती है। इससे साफ जाहिर है कि सीमा वापस पाकिस्तान गई तो न तो वह और न ही उसके बचेंगे। इसी काला काली कानून  के तहत बलोट में कई लड़कियां मौत के घाट उतारी जा चुकी हैं। पाकिस्तान की सरकार और वहां अदालतें उनका कुछ नहीं बिगाड़ पातीं।

सीमा को देखने सचिन के घर आ रहे लोग

उधर, इन धमकियों से बेपरवाह ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में सचिन के घर सीमा को देखने उसके नए पति और प्रेमी के घर लोगों के आने का सिलसिला जारी है। लोग साथ में उपहार तो ला ही रहे हैं नव दंपति को आशीर्वाद भी दे रहे हैं।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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