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Greater Noida News: 11 सदस्यीय कमेटी 15 जुलाई तक ग्रेनो प्राधिकरण से करती रहेगी संपर्क

किसानों के मुद्दे और समस्याओं पर गांव इटेड़ा में हुई बैठक में हुआ विचार विमर्श, आंदोलन की उपलब्धियों के बारे में दी गई जानकारी

ग्रेटर नोएडा। पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण पर किसान के करीब दो महीने तक चले महापड़ाव और उसके पहले दिए गए धरना-प्रदर्शन से हासिल उपलब्धियों पर गांव इटेड़ा में आज मंगलवार को हुई किसान सभा की बैठक में जानकारी दी गई। बैठक में आंदोलन की अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श भी किया गया।

जेल गए किसान नेता हुए सम्मानित

किसान सभा के प्रवक्ता डॉ.रूपेश वर्मा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आज मंगलवार को इटेड़ा गांव में सुरेंदर यादव के आवास पर किसान सभा की गांव कमेटियों के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता संजय नागर इमलिया ने की। बैठक का एजेंडा आंदोलन की अब तक की उपलब्धियां, आंदोलन की समीक्षा, जेल गए साथियों का सम्मान और आगे आंदोलन की रणनीति पर चर्चा करना रहा।

किसान सभा के प्रवक्ता डॉ रुपेश वर्मा ने  इटेड़ा पटवारी रोजा मिलक के महिला-पुरुष किसानों और क्षेत्र की किसान सभा की कमेटियों के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए आंदोलन की अब तक की उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। किसानों के मुद्दों के बारे में उन्होंने मौजूद लोगों को अवगत कराया कि 10% आबादी प्लॉट, 40 वर्ग मीटर का भूमिहीनों का प्लॉट, सर्कल रेट का चार गुना मुआवजा, रोजगार आदि मुददे प्राधिकरण ने वर्षों पहले खत्म कर दफना दिए थे। इन मुद्दों को फिर उठाया गया है। इसमें शुरुआती दौर में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने मुद्दों पर बात करने से इनकार कर दिया था। 6 जून को किसानों की गिरफ्तारी, लाठीचार्ज और 7 जून से पुनः धरनास्थल पर किसानों द्वारा कब्जा करने,  अन्य किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों द्वारा समर्थन देने के कारण सरकार, प्राधिकरण और प्रशासन दबाव में आया। 24 जून को आंदोलन के दबाव में आंदोलन के मुद्दों पर फैसला लेने के बावत हाइपॉवर कमेटी के गठन पर सरकार राजी हुई। प्राधिकरण स्तर के मुद्दों पर प्राधिकरण ने तुरंत कार्रवाई करने का लिखित आश्वासन दिया।

एकजुट रहना ही होगा

बैठक को किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने संबोधित करते हुए कहा कि आंदोलन ने 61 दिन लगातार प्राधिकरण पर बैठकर जो उपलब्धि हासिल की है वह ऐतिहासिक और बेमिसाल है महिलाओं की संख्या युवाओं की संख्या भूमिहीनों की संख्या और उनकी भागीदारी बेमिसाल रही क्षेत्र के लोगों ने पुलिस के दमन और उत्पीड़न का बहादुरी के साथ सामना करते हुए आंदोलन को आगे बढ़ाया और जीत हासिल की। प्राधिकरण का पूरा इतिहास वादाखिलाफी का इतिहास रहा है। यदि हम समझौते को लागू कराना चाहते हैं तो हमें अपने गांव कमेटियों के संगठन को मजबूत करना होगा जिन गांवों में कमेटियों का निर्माण नहीं हुआ है वहाँ पर कमेटियां बनानी है संगठन के बूते पर ही समझौते को लागू किया जा सकेगा। बैठक को संबोधित करते हुए ब्रह्मपाल सूबेदार ने कहा हमारा संगठन और हमारी एकता ही हमारी ताकत है अपने संगठन अपने विचार अपने मुद्दों और खुद अपने ऊपर हमें विश्वास कायम रखते हुए मजबूती के साथ आगे बढ़ना है साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि प्राधिकरण ने 15 जुलाई तक का वक्त मांगा है यदि 15 जुलाई तक समझौते के अनुसार फैसला नहीं आया तो 20,000 से भी अधिक की संख्या में किसान पुनः प्राधिकरण पर हल्ला बोल देंगे।

बैठक का संचालन सतीश यादव अजय पाल भाटी ने मिलकर किया बैठक को रंगीलाल भाटी बुद्धपाल यादव रण पाल गुर्जर निरंकार प्रधान चंद्रमल प्रधान नीतीश रावल अजबसिंह प्रधान मोहित भाटी एम पी यादव ने संबोधित किया बैठक के अंत में जेल गए साथियों वीर सिंह नागर डॉक्टर रूपेश वर्मा रण पाल गुर्जर अमित यादव सुरेश यादव रणवीर यादव बुधपाल यादव गबरी मुखिया हरवीर बैसोया बालेश्वर पवन बैसोया नीरज शर्मा नितिन भाटी नीतीश रावल अंकित यादव मुकुल यादव भीम सिंह नागर ब्रह्मपाल नागर का माला पहनाकर हौसला अफजाई की सम्मान किया गया। बैठक में सभी गांवों में कमेटियों का विस्तार करने संगठन को मजबूत करने और आंदोलन के अगले चरण की तैयारी करने का फैसला किया गया बैठक में समझौते को लागू करने के संबंध में 15 जुलाई तक 11 सदस्यीय कमेटी जो लगातार प्राधिकरण और डीएम से मिलकर मुद्दों के बारे में लागू करने के बारे में वार्ता करती रहेंगी और सभी किसानों को अवगत कराती रहेंगी साथ ही यह फैसला भी लिया गया है कि हर रोज़ दो गांवों में किसान सभा की कमेटियों की बैठक बुलाई जाए और बैठक में कमेटियों को मजबूत किया।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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