Greater noida News : इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने वाले निवेशकर्ताओं को योगी सरकार का बड़ा तोहफा, ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी के लिए नई स्कीम लेकर आई YEIDA, ऐसे करें अप्लाई
ग्रेटर नोएडा : उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर स्थापित करने के साथ ही योगी सरकार प्रदेश को देश का कमर्शियल हब बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसी तर्ज पर सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने वाले निवेशकर्ताओं को एक खास स्कीम के जरिए उद्योग के अतिरिक्त भूमि के कमर्शियल उपयोग की भी अनुमति दी जाएगी. इस स्कीम में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन होगा जिसमें भूखंड प्राप्त करने वाले कोर इंडस्ट्रियल ऑपरेशंस के साथ साथ दो कॉमर्शियल फैसिलिटीज का भी इन भूखंडों पर संचालन कर सकते हैं।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सेक्टर 24 के प्लॉट नंबर 11-ए व बी, 12, 15 व 21-बी के औद्योगिक भूखंडों में 5 केटेगरी की प्लॉटिंग्स के लिए आवेदन मांगे हैं. 28 सितंबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के अंतर्गत 80 से लेकर 151 करोड़ रुपए के बीच प्लॉट्स का प्रीमियम निर्धारित किया गया है जबकि रेट ऑफ अलॉटमेंट 15850 से 16000 रुपए के बीच रखी गई है.
सभी को मिलेगा वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज का लाभ
जेवर एयरपोर्ट, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे और बुद्ध सर्किट से निकटता के कारण बेहतर कनेक्टिविटी और पॉड ट्रांजिट सिस्टम के रूप में भारत में अपनी तरह की पहली विश्व स्तरीय परियोजना समेत तमाम सुविधाओं का लाभ प्लॉट लेकर इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने वालों को मिलेगा. इस परियोजना में प्लॉट्स लेने के इच्छुक लोग 20 अक्टूबर 2023 तक अप्लाई कर सकते हैं और अधिक जानकारी के लिए यीडा की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं.
इन तरीके से हो सकेगा भूखंड का इस्तेमाल
यीडा की वेबसाइट पर मिक्स्ड लैंड यूज इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग स्कीम के बारे में जो जानकारी साझा है उसमें प्लॉट्स के साइज, सेक्टर समेत कुल प्रीमियम के बारे में जानकारी दी गई है. ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 24 में प्लॉट नंबर 11-ए व बी, 12, 15 व 21-बी में 5 केटेगरीज की प्लॉटिंग्स के आवेदन मांगे गए हैं. इन प्लॉट्स में प्रिफरेंशियल लोकेशन चार्ज 5 से 10 प्रसेंट के बीच रखा गया है इसके अलावा टोटल प्रीमियल प्राइस यानी पीएलसी के साथ 80.32 करोड़ रुपए से लेकर 151.82 करोड़ रुपए के बीच रखी गई है.
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस स्कीम के जरिए भूखंड प्राप्त करने वाले आवेदनकर्ताओं को कम से कम निर्धारित भूखंड के 75 प्रतिशत हिस्से को कोर इंडस्ट्रियल रीजन के तौर पर इस्तेमाल में लाना होगा जबकि अन्य क्षेत्र का इस्तेमाल वह अधिकतम 2 कमर्शियल रीजंस के तौर पर कर सकता है. वहीं, कोर इंडस्ट्रियल रीजन के अतिरिक्त निर्धारित जगह का इस्तेमाल रेजिडेंशियल व कल्चरल फैसिलिटीज के तौर पर भी किया जा सकता है. कुल भूखंड के कम से कम 5 प्रतिशत भूमि का इस्तेमाल फैसिलिटीज व यूटिलिटीज के लिए, 8 प्रतिशत का इस्तेमाल कमर्शियल मद में व रेजिटेंशियल मद में कम से कम 12 प्रतिशत भूमि का उपयोग करना होगा.
यीडा समेत सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में इसी व्यवस्था के जरिए आवेदकों का निर्धारण सफलतापूर्वक किया जा रहा है.