Greater Noida West Breaking : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने फिर भेजा सुपरटेक इकोविलेज एक को नोटिस, कभी भी किया जा सकता है अवैध गेट ध्वस्त
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ग्रेटर नोएडा वेस्ट : सुपरटेक इकोविलेज-1( Supertech Ecovillage 1 ) की परियोजना ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-1 में प्लॉट संख्या GH08 पर स्थित है। परियोजना के एक हिस्से में कमर्शियल दुकानें बनायी गयी हैं। कमर्शियल काम्प्लेक्स के आगे वाले हिस्से में स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बिल्डर ने गेट का निर्माण किया है। इस गेट का निर्माण कमर्शियल काम्प्लेक्स में आने जाने के लिए खोला गया है, जबकि स्वीकृत मानचित्र में यह गेट नहीं दर्शाया गया है। स्वीकृत मानचित्र में कमर्शियल काम्प्लेक्स परियोजना बॉउंड्री के अंदर दिखाया गया है और कमर्शियल काम्प्लेक्स में आने जाने रास्ता सोसाइटी के अंदर से ही दर्शाया गया है।
मानचित्र के विपरीत किया कमर्शियल काम्प्लेक्स पर गेट का निर्माण
अवैध तरीके से गेट खोलने की शिकायत पर प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग के मोबाइल स्क्वाड ने परियोजना का 28 अगस्त को स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण में टीम ने पाया कि कमर्शियल काम्प्लेक्स के फ्रंट सेटबैक में अनाधिकृत रूप से गेट का निर्माण किया गया है जो स्वीकृत मानचित्र के विपरीत है तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के भवन विनियमावली का उल्लंघन है।
दो बार नोटिस के बाद भी प्राधिकरण के आदेश को नहीं मान रहा बिल्डर
निरिक्षण उपरांत प्राधिकरण ने परियोजना को 28 अगस्त को नोटिस देकर 10 दिन में अनाधिकृत गेट का निर्माण हटाने का निर्देश दिया। आदेश का अनुपालन ना होने पर प्राधिकरण के प्लानिंग विभाग ने पुनः 22 सितम्बर को नोटिस भेज 15 में अनाधिकृत गेट का निर्माण हटाने का निर्देश दिया। परन्तु बिल्डर ने फिर से प्राधिकरण के आदेश को नहीं माना। शिकायतकर्ता के फिर से शिकायत के बाद प्राधिकरण ने एक बार फिर अनुस्मारक नोटिस जारी किया है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि सुपरटेक का अवैध निर्माण से काफी पुराना नाता है। अवैध निर्माण के कारण ही एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ढहाए गए। सुपरटेक इकोविलेज-1 में बिल्डर ने अवैध गेट खोला हुआ है। बिल्डर ने प्राधिकरण के ग्रीन बेल्ट पर कब्ज़ा कर अवैध गेट खोला हुआ है। जबकि कमर्शियल काम्प्लेक्स के रास्ते का प्रावधान स्वीकृत मानचित्र में सोसाइटी के अंदर से ही है। बिल्डर ने कमर्शियल काम्प्लेक्स के लिए अलग से गेट खोलने का कोई अनुमति नहीं लिया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब प्राधिकरण ने अपने जांच में पाया कि गेट अवैध तरीके से बनाया गया है तो इसे बंद करने में प्राधिकरण विलम्ब क्यों कर रहा है। प्राधिकरण गेट ध्वस्त करने के बदले नोटिस नोटिस का खेल क्यों खेल रहा?