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ग्रेनो प्राधिकरण ने मोबाइल टावर नीति में किया बदलाव, अब स्कूल और अस्पताल की छत पर नहीं लग सकेगा टावर

ग्रेटर नोएडा(फेडरल भारत न्यूज): ग्रेनो विकास प्राधिकरण ने अपनी मोबाइल टावर नीति में अहम और बड़ा बदलाव किया है। नई नीति के हिसाब से अब अस्पताल, स्कूल, शॉपिंग सेंटर की छतों पर टावर नहीं लगाए जाएंगे।
कंपनी से अब 20 साल का एग्रीमेंट
ग्रेनो विकास प्राधिकरण ने गुरुवार को अपनी नई मोबाइल नीति का ऐलान किया। प्राधिकरण 90 वर्ष की लीज की जगह टावर लगाने वाली कंपनी से 20 वर्ष तक का ही एग्रीमेंट किया जाएगा। इससे प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य़ में प्राधिकरण की जेब में अधिक धन आ सकेगा।
कमर्शियल भवन के लिए अनुमति अनिवार्य
नई नीति के अनुसार, कमर्शियल भवन में मोबाइल टावर लगाने से पहले प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य बना दिया गया है। साथ ही ग्रीन बेल्ट, पार्क और सामुदायिक केंद्र के लिए भी अनुमति जरूरी की गई है।
टावर के लिए 25 मीटर भूमि होगी आवंटित
प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि यदि किसी टावर को ग्रीन बेल्ट या पार्कों में स्थापित किया जाना है, तो ऑपरेटरों को टावर बनाने के लिए अधिकतम 25 वर्ग मीटर आवंटित किया जाएगा। जिसे मंजूरी के छह माह के भीतर चालू करना होगा। ऑपरेटर ही निर्माण का खर्च करेंगे, जिसमें गार्ड रूम, डीजल जनरेटर (डीजी सेट) और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसी सुविधाएं विकसित करना शामिल हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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