गुरुजी ही निकले फर्जीः फर्जी मार्कशीट के जरिये 26 साल तक करता रहा नौकरी, अब बर्खास्त
वेतन की होगी रिकवरी, एफआईआर दर्ज कराने के भी निर्देश, तीन और शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज की हो रही जांच, फर्जी मिलने पर ये भी होंगे बर्खास्त
ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले के दादरी ब्लाक के पटाड़ी प्राथमिक विद्यालय में एक हेडमास्टर 26 साल फर्जी मार्कशीट पर नौकरी करता रहा। बाद में उसके सहित चार लोगों के खिलाफ मेरठ के एक व्यक्ति ने शिकायत कर दी। शिकायत में हेडमास्टर की शिकायत सी पाई गई है। उसे गौतमबुद्ध नगर जिले की जिला शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्य लक्ष्मी ने बर्खास्त कर दिया है। उसके खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश देने के साथ ही उससे वेतन रिकवरी करने को भी कहा गया है।
कौन है यह हेडमास्टर
आरोपी हेडमास्टर गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय पटाड़ी में तैनात रहे हेडमास्टर जोगेंद्र सिंह बताया गया है। इसने अपने पिता की मौत के बाद 9 अगस्त 1997 को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाई थी। उस समय इसे अनट्रेंड ग्रेड पे स्केल 850 रुपये पर ज्वाइन कराया गया था। वर्ष 2002 में इसे ट्रेंड ग्रेड पे स्केल 4500 रुपये में रख लिया गया। वर्तमान इसे हर महीने वेतन के रूप में करीब 80 हजार रुपये मिल रहे थे।
मेरठ के व्यक्ति ने की शिकायत
जोगेंद्र सिंह सहित चार शिक्षकों के बारे में मेरठ निवासी मनोज कुमार ने फरवरी में शिकायत की थी। शिकायत के अनुसार ये चारो व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे थे। मनोज ने अपने शिकायती पत्र में चारों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की मांग की थी। मनोज की इस शिकायत को सहायक मंडलीय शिक्षा निदेशक (बेसिक) मेरठ दिनेश कुमार यादव ने गंभीरता से लिया और उन्होंने गौतमबुद्ध नगर जिले की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ऐश्वर्य लक्ष्मी को शैक्षिक दस्तावेजों जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए। बीएसए ने मेरठ शिक्षा बोर्ड कार्यालय से जोगेंद्र सिंह के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराई। जांच में जोगेंद्र सिंह की 12वीं की मार्कशीट फर्जी मिली।
जोगेंद्र 12 मई को हुआ बर्खास्त
मेरठ शिक्षा बोर्ड कार्यालय से 17 अप्रैल को जोगेंद्र सिंह की 12वीं की फर्जी मार्कशीट की रिपोर्ट मिलने पर शिक्षा विभाग ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी। फिर जोगेंद्र सिंह को 12 मई सेवा से बर्खास्त दिया गया। शिक्षा विभाग ने जोगेंद्र सिंह के नौकरी के दौरान उठाए गए वेतन की रिकवरी के आदेश भी बीएसए को दिए हैं। उससे वेतन रिकवरी और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्यवाही जारी है। बीएसएस ने एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) दादरी को दिए हैं। अन्य तीन शिक्षकों के दस्तावेज की जांच काम जारी है। इनके भी दस्तावेज फर्जी मिले तो नौकरी से बर्खास्त होना तय है।