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स्वास्थ्य सुविधाः उप्र के छह और जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज

‘एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज’ कार्यक्रम पर केंद्र सरकार ने वायबलिटी गैप फंडिंग स्कीम के तहत मुख्यमंत्री ने दी सहमति

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज’ कार्यक्रम पर केंद्र सरकार ने वायबलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत और छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की सैद्धांतिक सहमति दी है। इसके बाद पीपीपी मोड पर महोबा, मैनपुरी, बागपत, हमीरपुर, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेडिकल कालेज खोलने के लिए जल्दी ही टेंडर के माध्यम से निवेशकों को चयनित किया जाएगा।

16 जिलों में पहले ही चल रही प्रक्रिया

उत्तर प्रदेश में 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। केंद्र सरकार के आर्थिक कार्य मंत्रालय ने वीजीएफ स्कीम के तहत हाल ही में पीपीपी मोड पर छह जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दी है। इन्हें खोलने में करीब 1525 करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है। केंद्र सरकार सब्सिडी का करीब 1012 करोड़ रुपये का भार उठाएगी। एक कॉलेज को औसतन 160 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिलेगी। महराजगंज और शामली में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकर्ता का चयन करने करने का कार्य शुरू हो गया है। अगले साल तक महराजगंज में उपचार भी शुरू होने की संभावना है। इनके अलावा शामली और मऊ में मेडिकल कॉलेज प्रक्रियाधीन है।

सरकार का बड़ा कदम

चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आम लोगों को बेहतर और सुलभ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह बड़ा कदम है। केंद्र सरकार के प्रस्ताव स्वीकृत करने से राज्य सरकार के धन की बचत होगी। राज्य सरकार जिला अस्पताल और भूमि 33 साल की लीज पर देगी। इसके बाद निवेशकर्ता मेडिकल कॉलेज वापस कर देगा। वह राज्य सरकार की संपत्ति होगी। साथ ही स्टांप ड्यूटी में छूट और उपकरण सब्सिडी आदि देगी।

14 और जिलों में होगा मेडिकल कॉलेज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव लाया है। सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हो रहा, बल्कि नए डॉक्टर भी तैयार हो रहे हैं और बेडों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश में फिलहाल, सरकारी और निजी 65 मेडिकल कॉलेज हैं। इनके अलावा केंद्रीय संस्थानों में रायबरेली और गोरखपुर में दो एम्स, एक बीएचयू और एक अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नौ जिलों देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण किया था। प्रदेश के अमेठी, औरैया, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, गोंडा, कानपुर देहात, कौशाम्बी, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, पीलीभीत, सोनभद्र और सुल्तानपुर जिले में 2022-23 तक मेडिकल कॉलेजों की सौगात मिलने वाली है। इनका निर्माण कार्य चल रहा है।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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