सम्मानः मुख्यमंत्री ने यूपीएससी परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को किया सम्मानित
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सभागार में जिले के के तीनों प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ की बैठक
ग्रेटर नोएडा। आपातकाल की 48 वीं बरसी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज रविवार को गौतमबुद्ध नगर के एक दिवसीय दौरे के दौरान नोएडा के सेक्टर 21ए स्थित स्टेडियम में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद ग्रेटर नोएडा की गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सम्मानित किया। इनमें यूपीएससी परीक्षा में टॉप करने वाली इशिता किशोर एवं तीन अन्य अभ्यर्थी शामिल रहे।
प्राधिकरणों के अधिकारियो के साथ बैठक
यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सभागार में जिले की तीनों प्राधिकरणों (नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने प्राधिकरण एवं अन्य संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहां जाने वाला जनपद है। औद्योगिक दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण जिले की श्रेणी में आता है। इसलिए अधिकारियों का दायित्व और अधिक बढ़ जाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो भी जन कल्याणकारी कार्यक्रम एवं योजनाएं आम लोगों के कल्याण के लिए चलाई जा रही हैं, उनका लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़े। मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण के अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया है अधिकारी उन सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा कराएं। तभी इनका लाभ आम लोगों को मिल सकेगा। बैठक में प्राधिकरण के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्राधिकरणों की परियोजनाओं एवं अन्य कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्हें आश्वस्त किया कि आज जो भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं उनका पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग बृजेश सिंह, राज्यमंत्री औद्योगिक विकास जसवंत सिंह सैनी, जिले की तीनों प्राधिकरणों, मंडल एवं जिला स्तर के अधिकारी तथा पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।