सम्मानः 46 सिंधी भाषी विधि स्नातक हुए सम्मानित
भारतीय भाषाओं में न्याय देने की हो व्यवस्था: न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी
अयोध्या। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नियंत्रणाधीन राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद्, दिल्ली द्वारा वित्त पोषित डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में संचालित अमर शहीद संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी और अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने संयुक्त रूप से प्रदेश के विभिन्न जिलों के 46 सिंधी विधि स्नातकों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
भारत की आत्मा भारतीय भाषाओं में बसती है
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी ने कहा कि न्याय भारतीय भाषाओं में मिलना चाहिए। क्योंकि भारत की आत्मा भारतीय भाषाओं में बसती है। ऐसा होने से वादी को न्याय की व्याख्या समझने के लिए अतिरिक्त ख़र्च नहीं करना पड़ेगा।
भाषा खत्म होते ही पहचान खत्म हो जाती है
डा.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.प्रतिभा गोयल ने नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी समुदाय की भाषा ख़त्म होती है तो उस समुदाय की पहचान ही ख़त्म हो जाती है। उन्होंने सिंधी समुदाय के जड़ों से उखड़ने की पीड़ा को यह कहकर सहलाया कि जब तक राष्ट्रगान गाया जाता रहेगा भारत में सिंधी भाषा और सिंधियों का वजूद बना रहेगा।
सिंधी अध्ययन केंद्र के सलाहकार ज्ञाप्रटे ल ने संचालन और मानद निदेशक प्रो आरके सिंह ने धन्यवाद दिया।कार्यक्रम में कुलसचिव उमानाथ, सहायक कुलसचिव रीमा श्रीवास्तव, सहील अहमद, डीएसडब्लू नीलम पाठक आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।