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राजधानी के एक कैफे में हुक्का पीते नजर आए लोग,पुलिस ने किया गिरफ्तार

शराब की दुकानें खुलने को लेकर व्यापारी कर रहें विरोध

लखनऊ : राजधानी में राजभवन के पास एम्परर कैफे पर देर रात पुलिस ने छापेमारी की। यहां लॉकडाउन में भी लोग हुक्का पीते नजर आए। पुलिस ने हुक्का पीते 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यहां से भारी मात्रा में हुक्के, फ्लेवर और कैफे के बाहर से लग्जरी कारें सीज की हैं।

केवल रिटेल और थोक दुकानें खोलने कान दिया आदेश
UP के बाद अब लखनऊ जिला प्रशासन के आदेश पर आज राजधानी में शराब की दुकानें खुल गईं। बुधवार देर शाम आदेश जारी हुआ था कि गुरुवार सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक सभी शराब की दुकानें खोली जाएंगी। दुकानें खुलने से पहले ही लोगों की लंबी लाइने नजर आईं। अधिकांश दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ। जिला आबकारी अधिकारी सुशील मिश्रा ने बताया कि कैंटीन, बार आदि का संचालन नहीं होगा। केवल रिटेल और थोक दुकानों से शराब की बिक्री की जाएगी।

व्यापारियों ने किया विरोध
सामाजिक उद्योग व्यापार मंडल ने कोरोना कर्फ्यू के बावजूद सरकार द्वारा शराब की दुकानें खोलने की अनुमति का विरोध किया है। संगठन के अध्यक्ष रामबाबू रस्तोगी ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से सैकड़ों लोग जान गवां चुके हैं। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयां नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील कर रही है। वहीं शराब की दुकानों को खोलने का आदेश देकर सरकार ने प्रदेश के नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि अगर शराब की दुकान खुलती है तो आम व्यापारी भी अपने प्रतिष्ठान को खोलेगा। क्योंकि छोटे वर्ग के व्यापरियों का प्रतिष्ठान निरंतर कई दिनों से बंद है। जिसकी वजह से उनके परिवार का जीविकोपार्जन नहीं चल पा रहा है।

फर्नीचर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले का किया विरोध
उत्तर प्रदेश फर्नीचर ट्रेडर्स एसोसिएशन ने भी शराब की दुकान खोलने पर विरोध जताया। संगठन के अध्यक्ष इकबाल हसन ने बताया कि सरकार के आदेश के दो सप्ताह पहले व्यापारियों ने स्वेच्छिक बंदी कर दी थी। इससे काफी नुकसान हुआ। वहीं शराब की दुकान खोलने के आदेश व्यापारी समाज के साथ धोखा है। व्यापारी नेता शौकत का कहना है कि सरकार केवल खुद का मुकसान होने से बचा रही है। लेकिन तमाम ऐसे छोटे व्यापारी हैं, जिनको रोजमर्रा की जिंदगी जीने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है।

मधुमिता वर्मा

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