साइबर फ्राड : डिजिटल अरेस्ट से बचना है तो डरें नहीं, पुलिस की मदद लें, जानिए कैसे बचें साइबर अपराधियों से
नोएडा(फेडरल भारत न्यूज) : तकनीक और प्रौद्योगिकी के इस दौर में साइबर क्राइम पुलिस के सामने एक नई चुनौती बनकर तेजी से उभरा है। अपराध के नए स्वरूप साइबर क्राइम से निपटने के लिए पुलिस तरह-तरह के उपाय कर रही है। इसके बावजूद लोग साइबर क्राइम का शिकार होकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवाने को मजबूर हैं। नोएडा जैसे संपन्न शहर में साइबर फ्राड अथवा क्राइम की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पुलिस ने लोगों को आगाह करते हुए किसी के भी झांसे में नहीं आने की अपील की है।
साइबर फ्राड से बचें लोग : ACP CYBER CRIME
नोएडा में पुलिस की साइबर क्राइम सेल के एसीपी विवेक राय रंजन ने कहा कि विगत कुछ दिनों में लोगों को सीबीआइ, आईबी और साइबर क्राइम इंडिया जैसी एजेंसियों का हवाला देकर डिजिटल हाउस अरेस्ट करके लाखों रुपये की ठगी की गई है। दिल्ली की एक महिला नेत्र रोग चिकित्सक को डिजिटल अरेस्ट करके उससे लाखों रुपये की ठगी की गई। एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि साइबर क्राइम करने वाले फर्जी मोहर लगाकर व अटेस्ट करके सर्टिफ़ाइड कापी बताकर लोगों को ई-मेल करके उन पर आरोप लगाते हैं। लोगों को डिजिटल अरेस्ट करके डराया जाता है कि इंटरनेट पर साइट पोर्नोग्राफी देखी गयी है, जिस पर आपके विरूद्ध आईटी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।
डिजिटल अरेस्ट की सूचना तत्काल पुलिस को दें
एसीपी ने लोगों से अपील है कि यदि कोई ई-मेल प्राप्त होती है तो तत्काल इसकी सूचना साइबर क्राइम थाना व साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दी दें। जिससे आरोपियों के खिलाफ कानूनी कारवाई की जा सके। डिजिटल अरेस्ट साइबर क्राइम का बिलकुल नया तरीका है, जिसमें स्कैमर्स पुलिस, सीबीआई या कस्टम का अधिकारी बनकर आपको कॉल करते हैं और डराकर घर पर ही बंधक बना लेते हैं। स्कैम का यह खेल यहीं से शुरू होता है। इस तरह के स्कैम को डिजिटल हाउस अरेस्ट कहते हैं।
इससे बचने के उपाय के बारे में जानिए
सावधान और सतर्क रहें : कभी भी आप इस तरह के कॉल रिसीव करते हैं तो सबसे पहले आपको सावधान रहने की जरूरत है। इसके साथ ही ऑनलाइन स्कैम और फ्रॉड के तरीकों की जानकारी रखें। आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार, बैंक या फिर कोई भी जांच एजेंसी कॉल पर आपको डरा या धमका नहीं सकती है। आप कॉल काट कर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा लें।
पहचान वेरिफाई जरूर करें: किसी को भी कॉल पर पर्सनल या फाइनेंशियल डिटेल जैसी जानकारी बिलकुल भी शेयर न करें। अगर इस तरह की जानकारी आपको भेजनी भी पड़ी तो पहले उस कॉलर की पहचान जरूरी तौर पर वेरिफाई कर लें। जैसा कि हम पहले भी आपको बता चुके हैं कि बैंक या कोई ऑफिशियल संस्था आपसे फोन पर पिन या आपसे जुड़ी निजी जानकारी नहीं पूछती है।
संदिग्ध गतिविधियां रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी भी तरह से स्कैमर्स की कॉल या मैसेज आते हैं तो इन्हें रिपोर्ट करें। इसके साथ ही अगर आपके बैंक अकाउंट में कुछ भी संदिग्ध अगर आपको लगता हैं तो इसकी भी शिकायत
देश में 18 माह में मिलीं 3.17 लाख शिकायतें
गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, मार्च 2022 तक 18 माह में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर 3.17 लाख साइबर अपराधों की शिकायतें मिलीं और 5,771 एफआइआर दर्ज की गईं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार, वर्ष 2017 में 21,796, वर्ष 2018 में 27,248 साइबर अपराध और वर्ष 2019 में 44, 546 साइबर अपराध की घटनाएं हुई हैं। इससे अंदाजा लगाएं कि कितनी भयावह स्थित है।+