नजरअंदाजः मजदूरों की चेतावनी को अनसुना कर ठेकेदार ने नाली मरम्मत के काम पर लगा दिया था
जलवायु विहार में नाली की मरम्मत के दौरान हुआ था हादसा, चार मजदूरों की हो गई थी मौत, नौ मजदूर हो गए थे घायल
नोएडा। नोएडा के सेक्टर स्थित जलवायु विहार में नाली की मरम्मत के दौरान हुए हादसे के बारे में मजदूरों ने ठेकेदार को साफ-साफ चेता दिया था कि नाले के पास की दीवार को छेड़ा गया तो दीवार गिर जाएगी लेकिन ठेकेदार ने उनकी सुनी ही नहीं। ठेकेदार ने मजदूरों बात अनसुनी करते हुए उन्हें नाली में काम के लिए उतार दिया था।
क्या है मामला
नोएडा के सेक्टर 20 थाना क्षेत्र के सेक्टर 21 स्थित जलवायु विहार में नाली की मरम्मत के दौरान उससे सटी दीवार को छेड़ते ही भरभरा कर मजदूरों के ऊपर गिर गई थी। मलबे में 13 मजदूर दब गए थे। इनमें से चार मजदूरों की विभिन्न अस्पतालों में मौत हो गई थी। नौ मजदूर घायल हो गए थे।
हादसे को प्रशासन ने गंभीरता से लिया
इस हादसे को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। हादसे के बाद ही जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने पूरे मामले की जांच कराने की घोषणा की थी। पुलिस ने उसी दिन मुकदमा दर्ज कर ठेकेदार के कारिंदे गुल मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन ठेकेदार सुंदर यादव तभी से भूमिगत हो गय़ा है। पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
पुलिस भी मानती है ठेकेदार को दोषी
पुलिस भी ठेकेदार सुंदर यादव को हादसे के लिए दोषी मानती है। नाले की मरम्मत के पहले ही मजदूरों ने ठेकेदार सुंदर यादव को साफ-साफ चेता दिया था कि नाले से सटी दीवार की हालत काफी जर्जर है। उसे छेड़ा गया तो दीवार गिर सकती है। लेकिन काम करा रहे ठेकेदार सुंदर यादव ने मजदूरों को चेतावनी को अनसुना कर उन्हें काम पर लगा दिया। काम रहे मजदूर जैसे ही दीवार को छुआ कि दीवार भरभरा कर गिर गई।
ठेकेदार की सत्ता तक पहुंच
छानबीन में पता चला है कि ठेकेदार सुंदर यादव की पहुंच सत्ता तक है। उस पर प्रभावशाली राजनेता का वरदहस्त है। कहा जाता है कि ठेकेदार सुंदर यादव की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने का यही कारण भी है। पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही है।
अधिकारी को लिया हिरासत में
पुलिस पर इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भारी दबाव है। पुलिस मुकदमें में नामजद ठेकेदार सहित अन्य को गिरफ्तार तो नहीं कर पाई लेकिन एक अधिकारी को हिरासत में लेकर थाने पर आठ घंटे तक बिठाए रखा। पुलिस ने इस अधिकारी को तब छोड़ा जब उस अधिकारी का विभागीय स्टाफ सहयोगी उसके समर्थन में आ गया।