×
crimeउत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडादिल्लीनोएडानोएडा वेस्टबिहारराजस्थानलखनऊलखनऊ मंडल

नकली नोटः लाखों रुपयों के नकली नोटों के साथ पांच गिरफ्तार, 6 लाख 48 हजार के नकली रुपये बरामद

कुवैत से चला रहा था अवैध धंधा, दो हजार, पांच सौ व दो सौ के नकली नोट हैं, आधे दाम पर उपलब्ध कराते थे नकली नोट, गिरोह का कई शहरों में फैला है जाल

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की  थाना सेक्टर 24 नोएडा की पुलिस ने आज मंगलवार को भारतीय रुपयों के नकली नोटों के साथ पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि नकली नोटों के कारोबार का जाल कई शहरों में फैला हुआ है। पुलिस मामले की तह में जाने की कोशिश में है।

कौन हैं नकली नोटों के कारोबारी

नोएडा के एडिनशनल डीसीपी शक्ति अवस्थी ने यहां मंगलवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस ने नकली नोटों के साथ जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें फैज खान उर्फ नवाब निवासी 536/137, बड़ी पकड़िया सीतापुर, रोड खदरा, थाना मदेयगंज, जिला लखनऊ, दूसरा आयुष गुप्ता निवासी 8/44, विध्याधर नगर थाना विध्याधर नगर, जयपुर, राजस्थान, तीसरा शिबू खान निवासी 536/2/97, बड़ी पकड़िया, सीतापुर रोड, खदरा, थाना मदेयगंज, जिला लखनऊ, चौथा आदित्य गुप्ता निवासी 747, भगवान गली कोटला मुबारकपुर, थाना कोटला, दिल्ली और पांचवें आरोपी की पहचान हरिओम अत्री निवासी ग्राम श्यारोल, थाना टप्पल, जिला अलीगढ़ के रूप में हुई है। पुलिस ने इन्हें मोरना बस स्टैंड सेक्टर-35 नोएडा के पास से गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारतीय करेंसी रुपये 6 लाख 48 हजार के नकली नोट बरामद हुए हैं। बरामद हुए नोटों में 2000, 500, और 200 रुपये के नकली नोट हैं।

कैसे करते थे अवैध कारोबार

उन्होंने बताया कि पकड़ा गया हरिओम अत्री पुलिस को बताया है कि मेरे पास से जो करेंसी बरामद हुई है वह उसने आयुष गुप्ता, जयपुर जिससे उसकी मुलाकात इंस्टाग्राम पर फेक करेंसी अकाउंट के के जरिये हुई थी। वहां उसने आयुष गुप्ता से फेक करेंसी के बारे मे जानकारी की थी जिसने उसे बताया कि जितना पैसा वह देगा उसका दोगुना (डबल) वह उसे फेक करेंसी देगा। उसने लालच में आकर अपने भाई के खाते से आयुष के खाते में 15 हजार रुपये रुपये ट्रांसफर कर दिए। फिर उसने उसे आज नोएडा में आकर रुपये दिए।

वेब सीरिज देखकर आया आइडिया

आयुष गुप्ता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने वेब सीरिज पर शाहिद कपूर की फिल्म फर्जी देखकर फरवरी में उसे आइडिया आया। तब उसने इंस्टाग्राम पर फेक करेंसी के नाम से अकाउंट खोला था। इसी के माध्यम से वह फैज खान उर्फ नवाब के संपर्क मे आया। उससे वह नकली करेंसी लेकर आगे लोगों को सप्लाई करता था। उसने भी अपने अकाउंट से फैज खान के अकाउंट मे कई बार रुपये ट्रांसफर किए हैं जिस पर मोबिन और उसका भाई शिबू आकर उसे नकली करेंसी नोट 500-500 रुपये के देकर जाते थे।

लेन-देन के दौरान पकडे गए

आदित्य गुप्ता ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने दिल्ली में गौरव भल्ला उर्फ महाकाल उर्फ भोले बाबा निवासी राजोरी गार्डन, दिल्ली के साथ काम करता है। फैज खान उर्फ नवाब ने भोले बाबा से आज नकली करेंसी की डिलीवरी मंगवाई थी। जिसे देने के लिए वह और भोले बाबा आए थे। उनका आपस में लेन-देन चल ही रहा था कि पुलिस ने पकड़ लिया। जो नकली करेंसी उसके पास से बरामद हुई है वह उसे भोले बाबा ने ही दी थी। जिसे वह बाजार मे चला देता है।

बिहार से लाते थे नकली करेंसी

शिबू खान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह जेद्दा सऊदी अरब मे प्राइवेट टैक्सी चलाने का काम करता था। लगभग एक महीने पहले भारत आया है। वह अपने भाई मोबिन के साथ फैज खान उर्फ नवाब के साथ मिलकर बिहार छपरा के सिंघानियाँ नाम के व्यक्ति से नकली करेंसी नोट लेकर आते थे तथा 10 से 15 प्रतिशत लाभ पर आगे डिलीवरी कर देते थे।

विडियो के कमेंट बाक्स से मिले नंबर

फैज खान उर्फ नवाब ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने फर्जी नामक फिल्म वेब सीरीज देखने के लिए यू-ट्यूब पर सर्च की थी। तब यू-ट्यूब पर फर्जी करेंसी के नाम से वीडियो ओपन हुई और वीडियों के कमेंट बाक्स मे बहुत सारे लोगो के नाम और नम्बर मिले। इनमें से एक नम्बर पर मेरी सिंघानियाँ से बात हुई थी । सिंघानियाँ ही मुझे  500-500 रुपये के फर्जी करेंसी नोट देता था जिसे वह इंस्टाग्राम व अपने व्हाट्सएप वर्चुअल नम्बर से जिसको भी जरूरत होती थी उसको अपने साथी मोबिन और उसके भाई शिबू के माध्यम से डिलीवरी कराता था। यह काम वह कुवैत मे रहकर ही कर रहा था। भारत मे मोबिन उसका काम देख रहा था। वह 2 अप्रैल को कुवैत से भारत आया है। आज डिलीवरी देने नोएडा आया था।

उप्र, बिहार, दिल्ली आदि में फैला जाल

पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी आरोपी वेब सीरीज ‘फर्जी’ फिल्म को देखकर इंस्टाग्राम तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी करेंसी के नाम से अकाउंट बनाकर एक दूसरे से संपर्क कर व्हाट्सएप के वर्चुअल नम्बर से नकली भारतीय करेंसी को बिहार तथा दिल्ली से मंगाकर नकली करेंसी डिलीवरी करने तथा छोटे कस्बों, देहातों, मार्किटों में चला रहे थे। इस गिरोह का सरगना फैज खान उर्फ नवाब जो कुवैत में रहकर बिहार, उ0प्र0 के लखनऊ, नोएडा तथा राजस्थान के जयपुर व दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अपना कारोबार चला रहा था। इसके द्वारा लाखों भारतीय नकली करेंसी के नोटो को भारतीय बाजारों मे चला गया है। थाना सेक्टर-24 पुलिस द्वारा उक्त शातिर गिरोह का पर्दाफाश कर उन्हें गिरफ्तार कर उनके कब्जे से भारी मात्रा मे भारतीय नकली करेंसी बरामद किए हैं।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close