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नोएडा में अवैध खनन का खेल, गांव गुलावली में प्राधिकरण की भूमि से 50 लाख की मिट्टी चोरी

नोएडा (FBNews) : नोएडा में अवैध खनन का खेल लगातार जारी है। सेक्टर 150 के सेक्टर 162 में ग्राम गुलावली से खनन माफिया द्वारा 50 लाख रुपये मूल्य की मिट्टी चोरी करके बेच डाली गई। इस संबंध में नवीन ओखला विकास प्राधिकरण के वर्क सर्कल-10 के अवर अभियंता सिद्धार्थ नागर ने थाना नॉलेज पार्क में एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप है कि खनन माफिया ने दिन-रात डंपर, जेसीबी लगाकर लाखों की मिट्टी का खनन किया है।

सैटेलाइट की इमेज भी जारी कीं
प्राधिकरण के अवर अभियंता ने मिट्टी की सैटेलाइट इमेज भी प्रमाण के तौर पर नत्थी की हैं। जिस जमीन पर अवैध रूप से खनन किया जा रहा है, वह प्राधिकरण की अधिग्रहीत भूमि है। प्राधिकरण ने पहले 12 नवंबर को पुलिस को अवैध खनन की सूचना दी थी, इसके बावजूद पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की और खनन जारी है।
खनन माफिया का खेल
लगातार निर्माण कार्य चलते रहने से नोएडा की जमीनें सोना उगलती हैं। रात का अंधेरे में खनन माफिया सक्रिय हो उठते हैं और रातभर जेसीबी से जमीनों का सीना चीर कर मिट्टी निकाली जाती है। फ्री बराबर यह मिट्टी काफी अच्छी कीमतों पर बेची जाती है। असल में रातों-रात जेसीबी, पोकलेन मशीनों के जमीन में दस से पंद्रह फीट तक ग़ड्ढे कर दिए जाते हैं। यह सारा खेल प्राधिकरण के नियोजित सेक्टरों की जमीनों को लेवल करने के नाम पर गड्ढों में तब्दील कर दिया जाता है। यह लोग आवासीय से लेकर औद्योगिक, संस्थागत योजनाओं के लिए प्राधिकरण मास्टर प्लान में आने वाले गांवों की जमीनों को किसानों से क्रय कर लेते हैं और फिर खोदाई करके बाजार में मिट्टी बेचकर मोटी कमाई करते हैं।

तीन से चार हजार रुपये प्रति डंपर बिकती है मिट्टी
बाजार में मिट्टी की मांग को पूरा करने के लिए खनन माफिया जमकर चांदी काटते हैं। एक ट्राली मिट्टी की कीमत करीब डेढ़ हजार रुपये व एक डंपर मिट्टी की कीमत तीन से चार हजार रुपये है। एक ही रात में माफिया लाखों रुपये के वारे न्यारे कर लेते हैं। स्थानीय थाने और चौकी की पुलिस को मंथली दी जाती है। कई बार प्राधिकरण की परमिशन दिखाकर भी मिट्टी माफिया अपनी गाड़ी को निकालकर ले जाने में सफल रहते हैं।

Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Mukesh Pandit

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के हापुड़ शहर (अब जिला) में जन्म। एसएसवी पीजी कालेज से हिंदी एवं समाजविज्ञान में स्नातकोत्तर की शिक्षा। वर्ष 1988 से विभिन्न समाचार पत्रों दैनिक विश्वमानव, अमर उजाला, दैनिक हरिभूमि, दैनिक जागरण में रिपोर्टिंग और डेस्क कार्य का 35 वर्ष का अनुभव। सेवानिवृत्त के बाद वर्तमान में फेडरल भारत डिजिटल मीडिया में संपादक के तौर पर द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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