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लोकार्पणः छह वर्ष के अंदर गौतमबुद्ध नगर के बारे में बदली धारणाः सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा में किया एडवर्ब टेक्नोलॉजी की फैक्ट्री का लोकार्पण, एडवर्ब टेक्नोलॉजी के प्रयासों की सराहना

ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा नेतृत्व की सरकार ने जब लगातार दूसरी बार सत्ता संभाली थी, तब 3 जून 2022 को प्रधानमंत्री को लखनऊ में तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के लिए आमंत्रित किया था। इस अवसर पर एडवर्ब टेक्नोलॉजी ने 200 करोड़ रुपये के नए निवेश प्रस्ताव के साथ ग्रेनो अथॉरिटी के साथ एमयूओ साइन कर आधारशिला रखी थी। मात्र एक वर्ष की छोटी अवधि में इतना बड़ा संस्थान रोजगार के तीन हजार से अधिक संभावनाओं को विकसित करने,  नई टेक्नोलॉजी के साथ रोबोटिक के क्षेत्र में क्या संभावनाएं हैं, इसे बढ़ाते हुए यह हमारे सामने हैं।

फैक्ट्री परिसर का किया अवलोकन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ग्रेटर नोएडा में एडवर्ब टेक्नोलॉजी की फैक्ट्री के लोकार्पण के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने परिसर का अवलोकन कर यहां के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि यह लोकार्पण कार्यक्रम नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की तरफ ध्यान आकर्षित करता है। इसी के साथ ही साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का वास्तविक मतलब क्या होता है, एडवर्ब टेक्नोलॉजी इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने एडवर्ब की टीम को शुभकामनाएं दीं।

जीआईएस में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव गौतमबुद्ध नगर को मिले

उन्होंने कहा कि मेरे लिए महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि यह गौतमबुद्ध नगर जिला है। एनसीआर का अंग होने के बावजूद 2017 के पहले जिस प्रतिस्पर्धा के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए था उसमें निराशा थी। यहां के बारे में लोगों की धारणाएं भिन्न थीं। लोग नकारात्मक दृष्टि से देखते थे। यहां निवेश की संभावना बन सके, यह कल्पना थी, लेकिन छह वर्ष के अंदर उस धारणा को बदलते हुए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के पीएम के विजन के अनुरूप कार्यक्रमों को समयबद्ध ढंग से लागू करने का परिणाम है कि आज निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में गौतमबुद्ध नगर जिला न सिर्फ एनसीआर,  बल्कि देश में उभरा और तेजी से बढ़ा है।

10 से 12 फरवरी तक लखनऊ में द्वितीय जीआईएस हुआ था। उत्तर प्रदेश को लगभग 36 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह प्रस्ताव और इसमें भी सर्वाधिक प्रस्ताव गौतमबुद्ध नगर को मिले हैं। जहां सुविधाएं हों, ईज ऑफ इंडूग बिजनेस का लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता हो, बेहतरीन कानून व्यवस्थाएं की स्थिति हो, वहां निवेश इंफ्रास्ट्रक्चर, सुविधाओं, सुरक्षा के बेहतरीन वातावरण देखने को मिलता है।

पहली बार सभी 75 जिलों में हुआ निवेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में निवेश हुआ है। जो जिला आकांक्षात्मक थे। विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। शिक्षा, स्वास्थ्य, स्किल डवलपमेंट, रोजगार, वित्तीय समावेशन में काफी पीछे थे। उन जिलों को व्यवस्थित रूप से विकास से जोड़कर निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित किया गया। जीआईएस में सभी 75 जिलों को कुछ न कुछ निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। लखनऊ से हर जगह की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। हमने एयर कनेक्टिविटी को काफी बेहतर किया है। 2017 से पहले दो एयरपोर्ट और आज 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। 12 पर कार्य चल रहा है। इस साल के अंत तक उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट वाला पहला राज्य होगा। भारतीय रेलवे का सबसे बेहतरीन नेटवर्क (16 हजार करोड़) उत्तर प्रदेश में है। ईस्टर्न-वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेड कॉरिडोर उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। इसका जंक्शन इसी जिले में है। देश का पहला वाटर-वे वाराणसी-हल्दिया से प्रारंभ हो चुका है। बहुत जल्द स्टेट का इनलैंड वॉटर-वे अथॉरिटी गठित होगा, जिसके माध्यम से प्रदेश के अंदर जल मार्गों के माध्यम से कार्गो की सुविधा व संभावनाओं को बढ़ाने का कार्य करेंगे। एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तेजी से जेवर में बन रहा है। यह बताता है कि प्रदेश में पहले भी संभावनाएं थीं।

युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े

मुख्यमंत्री ने कहा फैक्ट्री के अवलोकन के दौरान यहां अलग-अलग जिलों के युवाओं से मिलने का अवसर मिला। कोई इंटर्नशिप कर रहा है तो कोई डिप्लोमा-डिग्री किया है। एडवर्ब टेक्नोलॉजी के अफसरों से कहूंगा कि जब वह डिग्री-डिप्लोमा लें तो उन्हें रोजगार के लिए भटकना न पड़े। उसे सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी हो। यहां कार्य करने वाले युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए एडवर्ब टेक्नोलॉजी सपोर्ट कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना काल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया। यह हमें स्वतंत्रता देता है कि हम रोजगार के साथ अध्ययन, स्टडी व रिसर्च को जारी रख सकते हैं। यदि लगता है कि और बेहतर करने की संभावना है तो पेटेंट दाखिल करने के लिए भी खुद को तैयार रखना होगा। इनोवेशन आज की मांग है।

इंडस्ट्री के साथ इंस्टीट्यूशन का जुड़ाव जरूरी

उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर बेहतरीन अभियान को बढ़ाने का प्रयास किया है। हमने कहा कि बहुत लड़के ऐसे हैं तो यूजी के बाद पीजी की डिग्री के लिए वे अपने पैरों पर खड़ा होकर कार्य करना चाहते हैं। टेक्नोलॉजी के जरिए कैसे ऑनलाइन एजूकेशन,  हम पार्ट टाइम एजूकेशन, डिस्टेंस एजूकेशन की प्रक्रिया से जोड़ने की प्रक्रिया क्या हो सकती है। इस पर केंद्र व राज्य सरकार काम कर रही है। एक इंस्टीट्यूशन को इंडस्ट्री के साथ जोड़ने के अभियान के साथ एडवर्ब टेक्नोलॉजी को जुड़ना चाहिए। अच्छे युवा मिलेंगे। जो युवा यहां आएगा, वह कार्य भी करेगा और पीएम-सीएम इंटर्नशिप स्कीम से जोड़ने का अवसर मिलेगा। इसमें आधा मानदेय आप और आधा केंद्र-राज्य सरकार देगी। इंटर्नशिप के बाद उसके पास अनुभव प्रमाण पत्र होगा। फिर बाजार में उसके प्लेसमेंट की व्यवस्था होगी। इससे हम लाखों नौजवानों को स्वावलंबन का मार्ग दिखा सकते हैं। इंडस्ट्री के साथ इंस्टीट्यूशन का जुड़ाव जरूरी है। यह उसी दौरान होगा तो युवा को थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल की जानकारी भी होगी।

उप्र को बेहतरीन गंतव्य के रूप में बढ़ाएं

उन्होंने कहा कि देश-दुनिया के अंदर उत्तर प्रदेश सबसे युवा व स्किल मैन पावर के रूप में जाना जा सकता है। हर इंडस्ट्री शासन की योजनाओं के साथ खुद को जोड़ ले तो हजारों युवाओं को इंटर्नशिप स्कीम के साथ जुड़कर उज्ज्वल भविष्य की राह दिखा सकते हैं। समयसीमा के अंदर निवेश कार्य करने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए साधुवाद देता हूं। सीएम ने आशा व्यक्त की कि सभी संस्थान अपने कार्यों के माध्यम से यूपी को बेहतरीन गंतव्य के रूप में बढ़ाकर पीएम की विजन के अनुरूप यूपी की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्ष के अंदर वन ट्रिलियन इकॉनमी बनाने में योगदान देंगे।

एडवर्ब टेक्नोलॉजी के चेयरमैन जलज ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी,  नोएडा के सांसद डॉ. महेश शर्मा,  प्रभारी मंत्री बृजेश सिंह, राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर  आदि मौजूद रहे।

नौकरी के साथ शिक्षा जारी रखने वालों का सम्मान

मुख्यमंत्री ने नौकरी के साथ ही उच्च शिक्षा जारी रखने वालीं किरन,  राजेश्वर गोपाल राव, वीरेंद्र सिंह, शिवाजी अंबादास, पल्लवी शिवरात्रि,  प्रणीत लक्ष्मण यादव, अक्षया शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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