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सोने के बढ़े आयात शुल्क से मांग होगी कम, बढ़ेगी परेशानी

अनुचित रास्ते से सोना बाजार में ज्यादा आएगा

नोएडा। नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव सुशील कुमार जैन ने कहा कि सरकार द्वारा सोने में बढ़ाए गए आयत शुल्क से सोने की मांग कम होगी। उन्होंने कहा कि पहले से ही मंदी की मार से परेशान स्वर्णकार और सर्राफ और अधिक परेशान होगा।

नियम से काम करने वाले होंगे परेशान

यहां जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से देश में अनुचित रास्तों से आने वाला सोना बाजार में ज्यादा आएगा जिससे नियमानुसार काम करने वाले ज्वेलर्स का और अधिक नुकसान होगा।

ये है दरों का विवरण

उनके द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार वर्तमान मे लगने वाले करो का विवरण इस प्रकार है :

 

बेसिक ड्यूटी 7.50 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.50 प्रतिशत प्लस

एआईडीसी 2.50 प्रतिशत के पहले के समान स्तर पर बना हुआ है

आधार पर 10 प्रतिशत के सरचार्ज में अब छूट दी गई है।

इसलिए कुल प्रभावी शुल्क 10.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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