कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम कार्यालय पर मांगों को लेकर वकीलों का बेमियादी धरना, आरोप लगाया तहसील दफ्तरों में भ्रष्टाचार व्याप्त
ग्रेटर नोएडा(फेडरल भारत न्यूज) : डिस्ट्रक्ट बार एसोसिएशन कलेक्ट्रेट तत्वावधान में ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर स्थित डीएम कार्यालय के बाहर अधिवक्ताओं ने मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया। वकीलों की प्रमुख मांग है कि उपजिलाधिकारी सदर न्यायालय में जाने से पहले किसानों और अधिवक्ताओं से मुलाकात करें और कलेक्ट्रेट परिसर में गाड़ी करने के लिए पार्किंग की व्यवस्था की जाए। वकीलों ने आरोप लगाया कि जिले की तीनों तहसीलों में भ्रष्टाचार चरम पर है।
एडीएमजे न्यायालय का समय बदलें
डिस्ट्रक्ट बार एसोसिएशन कलेक्ट्रेट के वकीलों ने मंगलवार को परिसर में धरना शुरू कर दिया। एसोशिएशन ने जिलाधिकारी के नाम पत्र भी लिखा है, जिसमें सचिव जयपाल सिंह भाटी और सचिव हेमंत शर्मा की ओर से मांगें उठाई गई हैं। मंगलवार को धरने में काफी संख्या में अधिवक्ता शामिल हुए। उनकी मांग है कि एडीएमजे न्यायालय का समय 2.30 बजे के स्थान पर सुबह 11.00 बजे किया जाए। उपजिलाधिकारी सदर के न्यायलय में धारा116 व अपीलों में स्थगन आदेश के लिए वादी और प्रतिवादी को सुना जाए।
अधिवक्ता चैंबरों की सफाई कराएं
डीएम को लिखे पत्र में मांग की गई है कि कलेक्ट्रेट स्थित अधिवक्ता परिसर चैंबर में सफाई सुचारू रूप से कराई जाए। परिसर में सांपों और विषैले जीवों के खात्मे के लिए कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाए। अधिवक्ता परिसर के निकट नाले व कलेक्ट्रेट की भूमि की सफाई कराई जाए। अधिवक्ता परिसर से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक टीनशेड का निर्माण कराय जाए। साथ ही तहसील सदर में दो बाबुओं की तैनाती की जाए।
चकबंदी अधिकारी छह माह से कोर्ट से नदारद
वकीलों की मांग है कि धारा 24 के अंतर्गत दर्ज केस के उपरांत ही रिपोर्ट तहसील को भेजी जाए तथा राजस्व निरीक्षक के द्वारा संहिता 2006 का अनुपालन पैमाइश संबंधी किया जाए। चकबंदी अधिकारी एवं बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी पिछले छह माह से न्यायालय में नहीं बैठ रहे, जिससे वादकारियों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। सहायक अभिलेख अधिकारी के यहां पर मिसलबंद रजिस्टर में दाखिल खारिज संबंधी दायरे दर्ज किए जाएं। जिले की तीनों तहसीलों में किसानों, आम आदमी के साथ भ्रष्टाचार चरम पर है, एक जांच कमेटी बनाकर भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कारवाई की जाए।