भारत ने कसा शिकंजा: पाकिस्तान को फिर से FATF ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी

नोएडा: भारत सरकार ने पाकिस्तान को फिर से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की “ग्रे लिस्ट” में शामिल कराने की योजना बनाई है।
इस उद्देश्य के लिए, भारत एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में की गई लापरवाहियों के सबूत शामिल होंगे।
FATF की ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान को शामिल कराने की योजना
FATF की आगामी बैठक जून 2025 में होने की संभावना है, जिसमें भारत यह मुद्दा उठाएगा। भारत का मानना है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है, विशेषकर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे संगठनों के खिलाफ।
FATF को प्रस्तुत किया जाने वाला डोजियर
भारत द्वारा तैयार किया जा रहा डोजियर FATF को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में की गई लापरवाहियों के सबूत होंगे। इसमें हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भी उल्लेख किया जाएगा, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
बैंक और IMF फंडिंग का विरोध
भारत ने पहले ही IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए गए $1 बिलियन के ऋण पर आपत्ति जताई थी, यह कहते हुए कि यह धन आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल हो सकता है। अब भारत विश्व बैंक द्वारा पाकिस्तान को प्रस्तावित $20 बिलियन के ऋण पैकेज का भी विरोध करने की योजना बना रहा है।
पाकिस्तान का FATF के साथ पिछला इतिहास
पाकिस्तान को पहली बार 2008 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, लेकिन 2009 में हटा दिया गया। इसके बाद 2012 से 2015 तक इस पर निगरानी बढ़ाई गई, और 2018 में इसे फिर से ग्रे लिस्ट में डाला गया।
अक्टूबर 2022 में FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटा दिया था, लेकिन उसे चेतावनी दी गई थी कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ कार्रवाई जारी रखे।
निष्कर्ष
भारत का यह कदम पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने और उसे आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए मजबूर करने की रणनीति का हिस्सा है।
FATF की आगामी बैठक में भारत की ओर से प्रस्तुत किए जाने वाले डोजियर और विश्व बैंक तथा IMF फंडिंग का विरोध इस रणनीति के महत्वपूर्ण पहलू हैं।