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उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

महंगाई की मारः गर्मी बढ़ने के साथ ही उपभोक्ताओं को लगेगा महंगी बिजली का झटका

बिजली वितरण कंपनियां कर रही तैयारी, विद्युत नियामक आयोग को बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा

लखनऊ। अगले कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेशऱ के बिजली उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली की तेज झटका लगेगा। यह झटका गर्मी शुरू होते ही बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा। उत्तर प्रदेश में बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव बिजली वितरण कंपनियों ने हाल ही में विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) को भेजा है। बिजली की दरें 23 फीसद मंहगी हो सकती हैं।

सोमवार को भेजा प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश में बिजली की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में एनुअल रेवेन्यू आवश्यकता और टैरिफ एडमिट किया है। मजेदार बात यह है कि विद्युत नियमक आयोग ने इस प्रस्ताव को स्वीकार भी कर लिय़ा है।

बिजली की दरें बढ़ाने का ये हैं प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने का जो प्रस्ताव बिजली वितरण कंपनियों ने विद्युत नियमक आयोग को दिया है, उसके अनुसार घरेलू बिजली की दरों में 18 से 23 फीसदी तक इजाफा हो सकता है। खेती, व्यावसायिक व और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की श्रेणी में भी बिजली दरों में बढ़ोत्तरी जो प्रस्ताव है उनमें खेती में 10-12, व्यावसायिक में 12, और बीपीएल श्रेणी में एक फीसद है।

यह दिया गया है तर्क

बिजली वितरण कंपनियों ने बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के पीछे कारण यह बताया है कि पिछले तीन वर्षों में बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके विपरीत बिजली के उत्पादन में सहायक वस्तुओं के दाम काफी बढ़ गए हैं। इससे बिजली उत्पादन भी मंहगा हो गया है। इसके लिए बिजली की दरें बढ़ाई जानी चाहिए। संभावना है कि बिजली वितरण कंपनियों के इस प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग जून तक अपना निर्णय दे सकता है।

 उपभोक्ता कर रहे हैं विरोध

बिजली सप्लाई करने वाली कंपनियों द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव की भनक लगते ही विभिन्न स्तर विरोध भी शुरू हो गया है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहना कि खुद उपभोक्ताओं का बिजली विभाग पर 25 हजार 133 करोड़ रुपये सरप्लस है। विद्युत विभाग पहले 25 हजार 133 करोड़ रुपये की बिजली दरों में रियायत दे, उसके बाद ही दरों को बढ़ाने की बात करे। विद्युत दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद पूरी विरोध करेगा।

इसके अलावा विभिन्न संगठनों ने भी बिजली की दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध करना शुरू कर दिया है। कई संगठनों के प्रतिनिधियो ने कहा कि विद्युत परिषद यदि भष्टाचार पर रोक लगा दे तो बिजली की दरों में बढ़ाने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यदि बिजली की दरों में इजाफा किया गया तो इसका जबर्दस्त विरोध किया जाएगा और यह विरोध बढ़ी दरों को वापस होने तक जारी रहेगा।

 

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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