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उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्ट

निरीक्षणः प्रधानमंत्री ने लिया प्रदर्शनी का जायज़ा

देसी गाय व भैंसों के बनाए गए पुतले हू-ब-हू असली जैसे लगते हैं, साथ में मुख्यमंत्री भी थे

ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में विश्व डेरी शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करने से पूर्व यहां लगी प्रदर्शनी का निरीक्षण भी किया। उन्होंने प्रदर्शनी में खूब रुचि ली। यहां देसी गाय और भैंस के पुतले लगाए गए हैं। ये पुतले देखने में हू-ब-हू वास्तविक गाय और भैंस जैसे ही लगते हैं।

50 साल बाद हो रहा सम्मेलन: पुरुषोत्तम रूपाला

सम्मेलन में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि ये सम्मेलन करीब 50 वर्षों के बाद हो रहा है। 1974 में जब ये सम्मेलन हुआ था तब हमारा दूध का उत्पादन 23 मिलियन टन था और आज जब हम इस सम्मेलन को कर रहें तो 220 मिलियन टन यानी 10 गुना दूध की वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि भारत सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यदि वैश्विक उत्पादन की चर्चा करें तो भारत की इसमें भागीदारी 23 फीसद है। वर्ष 2020-21 में भारत का दूध का उत्पादन 6 प्रतिशत बढ़ा है। 1974 के बाद भारत इस सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।

मुख्यमंंत्री के अलावा कई मंत्री, सांसद भी मौजूद 
इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल  मुरुगन, केंद्रीय कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान, सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर और डॉ. महेश शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष पी. ब्रेजाले और अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ की महानिदेशक सुश्री कैरोलिन एमोंड आदि  उपस्थित थे। प्रौद्योगिकी के माध्यम से 75 लाख किसान इस आयोजन से जुड़े। इनके अवावा 91 विदेशी, 65 भारतीय विशेषज्ञ, देश भर से आए 800 किसान समेत 1500 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम से बड़ी संख्या में पंजीकरण हुए हैं। सम्मेलन की थीम “पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” विषय है। यह सम्मेलन 15 सितंबर तक चलेगा।

 

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

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