×
उत्तर प्रदेशगौतम बुद्ध नगरग्रेटर नोएडानोएडानोएडा वेस्टहेल्थ

निरीक्षणः पोषण पुनर्वास केंद्र में दस बच्चे कुपोषित मिले, चल रहा इलाज

सात बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भर्ती कराए, जिला कार्यक्रम अधिकारी के निरीक्षण में सभी बेड भरे मिले

ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती दस बच्चे बुरी तरह से कुपोषित मिले। इनमें से सात बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के कार्यकर्ताओं ने भर्ती कराए हैं। बृहस्पतिवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी एनआरसी का निरीक्षण किया। इसमें केंद्र के सभी बेड भरे मिले।

स्टाफ से की बातचीत

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी बृहस्पतिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भंगेल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का निरीक्षण किया। उन्होंने मौजूद स्टाफ से बच्चों की देखभाल के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर बच्चों के उपचार में कमी न रहने पाए। एनआरसी में दस गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम) बच्चे भर्ती मिले।

डीएम ने दिए थे देखभाल के विशेष निर्देश

पिछले दिनों पोषण समिति की बैठक में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बच्चों के पोषण और देखभाल को लेकर संबंधित अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए थे। उनका निर्देश है कि किसी भी सूरत में कोई भी अतिकुपोषित बच्चा अनदेखी का शिकार न होने पाए। कोशिश हो कि पोषण पुनर्वास केंद्र में सभी बेड का इस्तेमाल हों। बच्चों को उचित उपचार मिले।

अभिभावकों से भी बात की

जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बृहस्पतिवार को इसी क्रम में एनआरसी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएचसी भंगेल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. यतेंद्र सिंह, एनआरसी की इंचार्ज डा. साधना, डाइटीशियन सचिन मलिक, स्टाफ नर्स प्रीति राय भी मौजूद रहीं। निरीक्षण के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ने भर्ती बच्चों के अभिभावकों से बातचीत भी की और केंद्र पर उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों का उपचार करा रहे सलारपुर निवासी इंद्रपाल व दीपू से पूछा कि उन्हें यहां किसी भी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं है। सभी ने संतुष्टि जाहिर की। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि यहां से जाने के बाद घर पर भी बच्चों का विशेष ख्याल रखें और चिकित्सक की ओर से मिले परामर्श के अनुसार ही पोषण और दवा देते रहें। किसी भी तरह की परेशानी आने पर वह उनसे बात कर सकते हैं। इस वक्त एनआरसी में दस बच्चे उपचाराधीन भर्ती हैं। इस माह 16 बच्चों को भर्ती कराया जा चुका है।

छह बच्चे ठीक कर घर भेजे गए

पिछले दिनों ठीक हुए छह बच्चे घर भेजे जा चुके हैं। पूनम तिवारी ने बताया बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग बच्चों के पोषण को लेकर बेहद गंभीर है। विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है। गंभीर तीव्र अतिकुपोषित (सैम) बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की मदद से एनआरसी में भर्ती कराकर उनका उपचार कराया जाता है। उन्होंने बताया इस वक्त भर्ती दस बच्चों में सात को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भर्ती कराया है। एक बच्चा सीधे ओपीडी के माध्यम और दो बच्चे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से भर्ती कराए गए हैं। उन्होंने बताया एनआरसी में सैम बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जाता है और जरूरत के हिसाब से उन्हें पोषण उपलब्ध कराया जाता है। 14 दिन के उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया जाता है।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Prahlad Verma

उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन के कोपागंज कस्बे में जन्म। स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा फैजाबाद (अब अयोध्या) से हासिल करने के बाद वर्ष 1982 से स्तंभकार के तौर पत्रकारिता की शुरुआत। पत्रकारीय यात्रा हिन्दी दैनिक जनमोर्चा से शुरू होकर, नये लोग, सान्ध्य दैनिक प्रतिदिन, स्वतंत्र चेतना, कुबेर टाइम्स, अमर उजाला और विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अखबारों से होते हुए दैनिक जागरण पर जाकर रुकी। दैनिक जागरण से ही 15 जनवरी 2021 को सेवानिवृत्त। इसके बाद क्षेत्रीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समाचार पत्रों में निर्वाध रूप से लेखन जारी। अब फेडरल भारत डिजीटल मीडिया में संपादक के रूप में द्वितीय दौर की पत्रकारिता का दौर जारी।

Related Articles

Back to top button
Close