निर्माण कार्यों पर रोक के बजाय प्रदूषण को नियंत्रित करने पर काम करें अधिकारी
रियल्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजक ने क्या सुझाए उपाय, दैनिक श्रमिकों के बारे में क्या कहा उन्होंने
नोएडा। रियल्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा कि निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय अधिकारियों को बढ़ते हुए प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर साल प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। एनजीटी को जीआरएपी को मजबूर कर निर्माण गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने का आदेश लागू किए जाते हैं।
प्रतिबंध से श्रमिक होते हैं बेरोजगार
उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने से दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों और अन्य संबंधित श्रमिकों बेरोजगार हो जाते हैं। यह हमारे जैसे विकासशील देशों के लिए अच्छा नहीं है। इससे निर्माण प्रक्रिया के रुकने से परियोजनाओं के पूरा होने में अनावश्यक रूप से देरी भी होती है।
प्रदूषण दूर करने को पूरे साल हो काम
उन्होंने कहा कि इस प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को रोकने के उपायों पर अधिक से अधिक इंजीनियरिंग की जानी चाहिए। पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी संभावित उपायों पर पूरे साल काम करना चाहिए। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रदूषण स्तर हानिकारक होने से पहले ही उपायों पर अच्छी तरह से कार्य किया जाना चाहिए और बिना किसी प्रतिबंध के नियमित रूप से निर्माण कार्य चलते रहे, उसके समुचित प्रबंध करने चाहिए। इसी के साथ ही सभी तरह के निर्माण प्रतिबंधित करने के बजाय प्रोजेक्ट कार्य से कितना प्रदूषण संभावित है उस पर कोई वर्गीकरण नहीं है, ऐसा वर्गीकरण कर श्रमिकों को बेरोज़गारी से भी बचाना ज़रूरी है।